वो तुम्हारे दिल की सुनता है।
जो बाते कभी रोशनी न समझ सकीं
वो बाखूबी समझता है।।।।-
बेनाम
(बेनाम)
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Joined 26 June 2020
15 APR 2024 AT 16:31
24 MAY 2022 AT 14:03
हाँथो में हाथ रहें
बस यही चाहा था मैंने
मगर हाँथों में ऐसी कोई
लकीर..... ही न थी ।-
10 APR 2022 AT 9:07
मैंने हमारे रिश्ते के लिए सब कुछ छोड़ दिया
मगर इस रिश्ते ने मुझे .....
कहीं का नहीं छोड़ा ।।।।-
9 APR 2022 AT 22:14
ये तो मालूम नहीं
मगर इतना पता है
ये दुनिया फूलों के लिए तो.... बिल्कुल नहीं ।।।।।-
24 FEB 2022 AT 9:53
तुम्हे क्या खबर ......
मंजिल तक पहुंचने के लिए
सफर मे क्या-क्या खो कर आये हैं .....-
23 FEB 2022 AT 9:32
कई जख्म ताजा हुऐ
हम समझते थे .....
हम आगे बढ़ चुके हैं
पर दिल ने सब भ्रम टोड दिये ।।।।।-