बेखौफ बहराइची   (बेखौफ बहराइची)
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Joined 23 May 2021


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Joined 23 May 2021

बिजी सोमवार से शनिवार में ,
एक इतवार जरूरी है ।
गर सम्भलना चाहते हो जिन्दगी में ,
लड़कपन में प्यार जरूरी है ।। ✍️

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लोग कहते हैं उनकी मुहब्बत में कुछ लिख कर दिखाओ ,
जिन्होंने कुबूल न किया जऱा उनका नाम तो बताओ ।
आखिर किसी मिट्टी की बनी थीं वो मोहतरमा ,
जरा इक बार उनका दीदार तो कराओ ।।

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छोड़ कर जा रही थे मुझे
और कह कर गई खुश रहना
अरे वाह
अब तो बिन बाती दिया जलता रहेगा ??

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दुनिया का सबसे प्यारा नाम
जय श्री राम 🚩

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दस साल हुए रिलेशनशिप को ,
मुझे गाना भी नहीं आया
उसे रूठना भी नहीं आया ,
मुझे मनाना भी नहीं आया
❣️

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ब्रेकअप हुए जमाना हुआ ,
उसे भुलाना भी नहीं आया

जिंदगी कटी प्रयागराज में ,
और संगम नहाना भी नहीं आया
❣️

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हर रात सोने से पहले ये सोचता हूँ कि कल कुछ बेहतर करूँगा ,,

लेकिन बेहतर हो नहीं पाता

शायद इसलिए कि कभी सुबह उठकर ये नहीं सोचा कि आज कुछ बेहतर करना है

--- Swami की कलम से ✍🏼

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निकल नहीं पाता है वो , रोटी आज कमाने को ।
अम्मा पडी़ हैं बिस्तर पे , पैसे न दवा लाने को ।
बेटा अभी भी भूखा है , कुछ भी नहीं है खाने को ।
शाम हो गयी ढल गया सूरज , घर हैं पापा आने को ।
माँ मैने उनसे भी कहा था , एक ही बिस्कुट लाने को ।
गरीबों की ये दशा क्यों , दिखती नहीं जमाने को ।।
निकल नहीं पाता है वो, रोटी आज कमाने को ।।
विवेक जायसवाल
इविवि छात्र

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सबको दूसरे की थाली में , घी नजर आता है ।
लगता है स्वयं कमाते हैं मेहनत की , और दूसरा हाराम की खाता है ।
स्वयं को है ईर्ष्या , और दूसरों को ईर्ष्यालु बताता है ।
सबको दूसरे की थाली में , घी नजर आता है ।।

✍🏼स्वामी विवेक जायसवाल
इलाहाबाद विश्वविद्यालय

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निकल नहीं पाता है वो , रोटी आज कमाने को ।
अम्मा पडी़ हैं बिस्तर पे , पैसे न दवा लाने को ।
बेटा अभी भी भूखा है , कुछ भी नहीं है खाने को ।
शाम हो गयी ढल गया सूरज , घर हैं पापा आने को ।
माँ मैने उनसे भी कहा था , एक ही बिस्कुट लाने को ।
गरीबों की ये दशा क्यों , दिखती नहीं जमाने को ।।
निकल नहीं पाता है वो, रोटी आज कमाने को ।।
स्वामी विवेक जायसवाल
#इविवि छात्र

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