Being Writer   (©From_my_pen✍️)
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Joined 3 July 2019


Joined 3 July 2019
18 JUN 2024 AT 13:02

अजीब कशमकश से गुज़र रहा हूँ मैं,
खुद के अन्दर खुद को ढूंढ रहा हूँ मैं।

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12 JUN 2024 AT 12:44

यूँ तो होते हैं पिताजी सबके एक,
परन्तु होते हैं इनके रूप अनेक।
बचपन में पिता है तो बचपना है,
मेले का हर खिलौना अपना है।
रोजी रोटी की भी नही होती कोई दिक्कत,
ज़िन्दगी को जीते हैं हम बिना किसी मशक्क़त।
पिता है तो आशियाँ है , वरना आँधियाँ हैं
इसके उलट न हो पिता तो दुनिया लगती है बेरंग,
भूल जाते हैं हम जीवन को जीने का ढंग।
सिखाती है दुनिया पिताजी के होने का मोल
स्वाभिमान, जिम्मेदारियों का नही होता कोई तोल।



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12 JUN 2024 AT 6:50

एक पहेली सी लगती हो तुम,
बहुत सुलझी सी मगर खुद में उलझी हुई।
कोई हो प्रश्न तो थोड़ा हिचक जाता हूँ,
सब ठीक है खुद को समझाता हूँ।
यूँ तो लोग हैं कई मेरे इर्द गिर्द
पर तुम होती हो तो मैं खुद में खुद को पाता हूँ।
कुछ तो होगा ही तुमसे रूबरू का सबब,
इसीलिए तो पेश आता हूं तुमसे मैं बाअदब।



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11 JUN 2024 AT 10:43

Silence accommodates among us,
Sets fire all the way to the bush.
People turning as Stoics,
Left nothing as their choice.

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21 MAR 2024 AT 18:31

जकड़ के, वक़्त के हाथों
ख्वाब अपने बेच आया हूँ
मिली एक दिन खुशी
अचानक एक रास्ते
लगा इसको पाने की हसरत
मैं काफी पीछे छोड़ आया हूँ।

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21 MAR 2024 AT 18:18

बहुत याद आयी मगर कुछ कमी थी,
मुस्कराते चेहरे की आंखों में नमी थी।
यूँ ही रूठ कर अब खुद मान जाता हूँ,
उतर गया दिल से, मैं खुद को समझाता हूँ।
किये प्रयास भरसक मगर कुछ कमी थी
हुआ इश्क़ तुमसे न जाने कैसी घड़ी थी।

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21 MAR 2024 AT 18:03

हँसता मिट जाऊंगा एक दिन
एक सिकन भी न होगी माथे पे
क्या जानेगे ये दुनियावाले
क्या खूब सितम झेले मैने
दिल रोया है, मन चीखा है
तब जाके मैने सीखा है
है प्रेम नही बस में रखना
उन्मुक्त गगन में बहने दो
निश्चित है होनी प्रेमवृष्टि
तब याद तुम्हें भी आएगा
यह इससे ही तो उपजा था
यह इसपे ही तो बरसा है।



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7 NOV 2023 AT 23:36

तो क्यों तलाश करते हो
किसी से आस रखते हो
समग्र हो तुम अपने आप में
न डगमगाओ किसी ह्रास में

तुम एक दिया जलाओगे
सारा तिमिर झड़ जाएगा
नव पुष्प पल्लव खिल आएंगे
ज्यों ऊषा तलक रुक जाओगे।

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7 NOV 2023 AT 23:10

दरख़्त सायों में लगी कभी न धूप सही,
जिया तूने एक ज़माने में जिसे कभी
उसे अब तलक तेरी कोई खबर नहीं।
चंद लफ्ज़ जो कभी हुए साझा तेरे
फिर उसके बाद तू कभी नज़र ही नहीं।

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28 OCT 2023 AT 23:32

Neither keep your photos
nor your calls
It's all over
You are gone.




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