ये जो ख़ामोशी हैं, जो श़ाम ढलते रंगों को
बादलो मे समेटे जा रही हैं...
इसे कह दो की कोई यहाँ बिखरा पड़ा हैं.....
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Insta:-dipuk4852
हड्डियां तो यु ही बदनाम हैं
दर्द ज्यादा तो,
उम्मीदों के टूटने पर दिल में होता हैं....
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लोगों ने मुझें तो, समझ से परे समझा
तो मैं, किसी के दिल में कहाँ से उतर पाता....-
लोग कहते हैं, मुझे तुम पत्थर हो...
कोई प्यार से तो मुझें छुएं ,पिघलकर आखों मे ना
आ जाये तो कहना.......-
पत्थर पर भी निसान पर जाते है, जब बारिश की बूँदे
उसे लगतार प्यार से छूती हैं....
जब पत्थर मे स्वरूप बदल, भगवान बस सकते है
तो वो इंसान ही क्या जो किसी के भावनाओ को ना समझ उस पत्थर को भी बदनाम कर रहा है....-
वैसे कुछ लोग जिनका व्हाट्सएप ,किसी के मैसजे
चैट के इनतेज़ार मे वीरान रहा करते थे, अकलेपन
के ख़ामोशी मे रहते थे, उनके लिए व्हाट्सएप ने
ख़ुद को ही मैसजे कर, ख़ुद से ही बात कर सकते है
इस तकलीफ को एक टेक्नोलॉजी ने समझ लिया,
पर इसे इंसान नहीं समझ पाया...... 🙁-
तो अद़ा है सितारों की....
चांद की रौश़नी में ख़ुद को खो देने की.....-
मुझें क्लास मे, लोगों ने क्लासमेट ही सिर्फ समझा... क्लासमेट की तो कॉपी भी है, जिसका सिर्फ इस्तेमाल होता हैं....
मैं किसी का फै्न्ड ना बन सका, जो किसी के कॉपी मे लिखा सकु....-
हिंदी एक भाषा ही नहीं, एक इतिहास है
हर्ष, विषाद, संवेदना सभी प्रकार के भावो का ब्रमांड है
मनवीये संवेदनयो को हू ब हू प्रकट करने का प्रमाण है...
हिंदी की ऐसी माया हैं जो शब्द उचारण है
वही शब्द पन्ने पर अंकित है....
बचपन का पहला शब्द हिंदी का 'माँ' है
माँ की लोरी के चांद सितारों मे है हिंदी....
माँ की ममता , पिता की डाट मे है हिंदी
वीर शहीदो के 'भारत माता के जय' मे है हिंदी....
शिक्षक के प्ररेणा श्रोत मे है हिंदी
बड़े बुजुर्गों के आशिर्वाद मे है हिंदी....
स्वत्रता संग्राम मे, सेनानीयो के जोश और ज्जबो मे थी हिंदी
आज खुद को 'गुलामी' मे पा रही है हिंदी...
हिंदुस्तान की पहचान है हिंदी
विश्व को नई राह दिखा रही, वो है हिंदी....
हिंदी कर रही है विनती, हो जाय उसकी
भी गिनती राष्ट्र भाषा के रूप मे....
जिस भारत ने विश्व को हिंदी का ' शुन्य' दिया वह
हिंदी आज खुद खड़ी है शुनशान रहो मे....
एकता की जान है हिंदी, देश की शान है हिंदी
हिंदी बोलने मे शर्मना , अंग्रेजी मे जोर लगना
हिचक को छोड़ो, हिंदी से अपना नाता जोड़ो...
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