🌹फूल🌹
फूल का हर रंग कुछ कहता है जैसे लाल प्यार... गुलाबी पसंद... पिला दोस्ती.... फूलों के रंग वो कह देते है जो हम कह नहीं पाते .... जैसे कि हमारे प्यारे पतिदेवजी वो कहते नहीं पर हम जानते है दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार वो अपनीे माँ के बाद हमसे ही करते है और वो ये कह नहीं पाते पर हम जानते है... आज कल ऑफिस के काम में हम ज्यादा व्यस्त हो गए हमारी गलत या सही आदत जो कहलों हम काम बहुत इमानदारी और जिम्मेदारी से करते है दिन रात भूल बस अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हो जाते है .... इसी कारण कुछ तीन दिन हम घर से बाहर राहे वैसे तो पतिदेवजी ज्यादा फोन पर बात करने वालों में से है नहीं पर पहले दिन कम से कम दिन में २० बार फोन किया तुम ठीक हो कुछ दिक्कत तो नहीं ...फिर अगले दिन beeny यार मैं ajao क्या ... मुझे लगा ये आदमी कुछ ज्यादा ही सेंटी हो गया 🤣🤣 हस कर मैने फोन कट कर दिया ....फिर तीसरे दिन रात जब मैं घर आई पतिदेव बाहर ही वेट करते मिले खाना दिया.... एंड सुबह मेरे उठने से पहले न जाने कब उठकर लाल गुलाब के फूल ढूंढ कर लाए .... मॉर्निंग song with many other surprise gifts tooo aur सच कहो गिफ्ट से ज्यादा प्यारे वो फूल लगे क्योंकि फूल वो कह गए जो पतिदेव जी कह नहीं पाते कि "पत्नी जी हम आपसे बहुत प्यार करते है घर से दूर मत जाया करो घर तुम्हारे बिना घर घर नहीं लगता ...." ♥️♥️♥️-
फुर्सत के पल
आज प्लान था साइट विजिट का साइट दूर थी करीबन 135 km ...... गाड़ी में बैठे बैठे दिमाग में बहुत सारी चीजें चलने लगी सोचा ज्यादा न सोचो और फिर हर बार की तरह इयरफोन लगा गाने सुने लगी .......साइट के रस्ते में एक पुल पड़ा उस पुल से एक घाट देखा ......बहुत सुंदर एकदम शांत कोई ज्यादा चहल पहल नहीं थी..... बस कुछ छोटे बच्चे दिख रहे थे जो अपनी ही मस्ती में गुम थे दुनिया की फिक्र नहीं न फ्यूचर की..... बस वो उस पल में खुश थे.... सोचा यार थोड़ी देर मैं भी उस घट पे रुक जाओ थोड़ी देर बैठलो पर जैसे ही मन में यह खयाल आया ही..... दिमाग कुछ और कहने लगा यार साइट पे जाना देर हो जाएगी... फिर वापस भी आना है घर पर मेरा बच्चा भी मेरा वेट कर रहा होगा..... और फिर मन को मार.. दिमाग की सुन साइट की तरफ बढ़ निकले.... घाट से साइट तक के रस्ते बस मन एक ही बात पूछ रहा था..... अगर उन बच्चों जैसे तुम आज होते तो क्या आपने आपको रुक पाते जवाब था नहीं....अगर आज वो पहले जैसा लड़कपन होता तो हम दौड़कर उस घाट पर घंटों बैठते पानी से खेलते न जाने रेत पे कितने घर बनाते बिना किसी फिक्र के ..
आज वो अंदर का मासूम बच्चा खो गया है अब वो फुर्सत है न वो न फुर्सत के पल
कही पढ़ा था मैंने सोचा शेयर करदो इस situation पे apt है...
"कुछ इस तरह सौदा किया वक़्त ने मुझसे,
तजुर्बे देकर वो मेरी मासूमियत ले गया l
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बचपन में हमेशा जब सुबह सोकर उठती थी तो सबसे पहले आपके पास चिपकर ...... पापा बस 2 मिनट कहके फिर वापस सो जाती थी .....
पापा आपकी गोद में बिताए वो 2 मिनट दुनिया का सबसे बड़ा सुकून थे ......
जैसे-जैसे मैं बड़ी हुई मैंने वो सुकून अनदेखा करदिया........
आज मेरे पास सब कुछ है पर वो सुकून नहीं है।-
छोड़ दी मोहब्बत लेकिन तुमसे मेरा ये इश्क कम ना हुआ .....
आज भी खाड़े उसी मोड पर है जहां तुमने साथ छोड़ दिया.....
शायद तुझे याद नहीं हो वो रात पर उस ख्वाब के साथ हम आज भी जी रहे हैं
छोड़ दी मोहब्बत लेकिन मुझसे ये इश्क कम ना हुआ-
आखिर क्यों .....
क्यू आज भी तुझे ढूंढते ढूंढते मैं उन्हीं गलियों में खो जाती हूं जहां कभी तू और मैं हम होते थे-