खो देते है फिर खोजा करते है,
यही खेल लोग ज़िन्दगी भर खेला करते है...-
बदनाम शायर
(Bornofdeath)
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कच्ची चित्रकारी, सच्ची कविताएं
दर्शाती हैं मेरे पक्के उसूलों को,
मैं, बस एक बदनाम शायर।
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दर्शाती हैं मेरे पक्के उसूलों को,
मैं, बस एक बदनाम शायर।
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Joined 13 January 2019
18 SEP 2023 AT 2:50
बुरे दिनों में कर नहीं
कभी किसी से आस,
परछाईं भी साथ दे
जब तक रहे प्रकाश ।-
9 JUL 2023 AT 11:21
सत्य को स्पष्ट कहो, कहो न सुन्दर झूठ ।
चाहे कोई खुश रहे, चाहे जाए रूठ ।।-
21 JAN 2023 AT 21:47
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं,
जिसको नदियों ने सींचा हैं।
बंजर माटी में पलकर मैंने,
मृत्यु से जीवन खींचा हैं।-
4 NOV 2022 AT 19:21
वक़्त का कहना है,
मैं कल फिर नहीं आऊँगा ।
मुझे खुद नहीं पता है,
की तुझे हसाऊँगा या रुलाऊँगा ।।
अगर जीना है,
तो बस इस पल को जी ले ।
क्यूँकि मैं किसी भी हाल में,
इस पल को, अगले पल तक रोक नहीं पाउँगा ।।-
19 AUG 2022 AT 6:54
सावन का महीना बीत गया, अब भाद्र की बारी है ।
सबके घर आ रहे कान्हा, जन्माष्टमी की तयारी है ।।-
15 AUG 2022 AT 9:33
कबीरा खड़ा बाज़ार में, देखे मानव बैर ।
इक दूजे को मारते, नहीं धरम की खैर ।।-