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Star War
Joined 19 December 2017


Star War
Joined 19 December 2017
16 FEB 2022 AT 13:42

गीरिती छतों से महल बना लेना
एक मिट्टी में दो देश बना लेना
जरूरत हो तो नक्सों में दरार लगा लेना ।

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3 FEB 2022 AT 15:37

जब से लगा प्राइम बला तमाचा
तब से yq बिना चीनी चाई के तरह

तब ना था प्राइम बला तमाशा
चलती थी बेहेती थी गंगा की तरह

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25 JAN 2022 AT 1:53

तब तो तुम्हे शहर भा गया था ना
अब ये गांव अपना हो गया क्या

चुप रेहेना भी अदाकारी हो गया था ना
अब ज्यादा बोल ना पड़ गया क्या

पिछली बार गांव साथ गया था ना
अब तक बादे पूरा हो गया क्या

पिछले पांच साल तो आम हो गया था ना
फिर खाश केस ओह, चुनाव आ गया क्या ।



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18 JAN 2022 AT 17:26

तुम बाजार घूमने आए
में हालातों को साथ ले आया

तुम खिलौने लेने आए
में भुका पेट ले आया

अपने झूठे वादे लेके आए
में वोटर कार्ड ना लाया ।


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10 JAN 2022 AT 12:34

पूरा आसमान तो मेरा है मगर
डोर किसी के हात में

ठाठ मेरा परिदों में मगर
उड़ता कुछी ही दूर में

उचे हबाओ में लिपटा में मगर
मेरे धागे धूल मिट्टी में

बना हूं में साधे कागज से मगर
मांजा लाल हातो में

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5 JAN 2022 AT 11:30

हां यह सच है चेहरे से
कहा हकीकत नजर आती है
मजदूर को देखो मजभुरी में
मुस्कान भी झूठी हो जाती है

महिला हो या पुरुष
मजदूर हो या प्रबाशी
सख्सियत कोई भी हो
मजबूरी की मुस्कान
तकलीफ तो दे जाती है ।

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1 JAN 2022 AT 23:59

हमारी नीद भला कब हमारे हात में था
2020 हो या 2021 हमारे हात में तो बस मच्छर ही था ।

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1 JAN 2022 AT 18:52

देखो न चला गया
राही बन कर

वक्त जो पिछले साल का
जो अपना हुआ करता था

देखो ना उड़ गया
मिट्टी बनकर

बजुद जो मेरा गुरूर का
जो फोलाद हुआ करता था

देखो ना बित गया
रेत बन कर

उज्जाला दिन का
जो सूरज का तेज हुआ करता था

अब क्या खाक देखोगे जब चला गया ।।

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26 DEC 2021 AT 13:58

बेबजा बारिश की कमाल
खेत का हाल बेहाल ।

किसान की बेबसी
सियासती पहेचान ना पाए ।

भूल से भी कोई
खेत देख ना आए ।

बो किसान ही कोई
जिशे किस्मत भी हरा ना पाए ।

अगर हो तुम किसान कोई
किस्मत हो या सरकार एक बगावत हो जाए ।

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12 DEC 2021 AT 20:16

कोई पूछा क्यों शहर छोड़ के गांव जाते हों
क्या मालूम परिंदे भी रात को घर लौट जाते है

बिछड़ के उनसे से ठंडी रातों में किधर जाते हों
चुप चाप अपने बिस्तर को जाते है

क्या अब भी दुरिया मापने जाते हों
ना जी ना, चुप चाप सो जाते है

क्या बीते बातों पे लोट जाते हो
हां जी हां, पर चुप चाप सो जाते है

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