जख्मो की गिनती कहा रखते थे हमये तो वो घाव है जो की भरते है नहीं। -
जख्मो की गिनती कहा रखते थे हमये तो वो घाव है जो की भरते है नहीं।
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हां लिखी तो गई थी किस्मत हमारी भी सुनहरी स्याही से,किसी और से क्या शिकवा, जब मिटानी हमने चाही हो। -
हां लिखी तो गई थी किस्मत हमारी भी सुनहरी स्याही से,किसी और से क्या शिकवा, जब मिटानी हमने चाही हो।
गुजार लेते है रातइस आस के साथ,कल होगी सुबह,फिर उसके साथ। -
गुजार लेते है रातइस आस के साथ,कल होगी सुबह,फिर उसके साथ।
किनारे की चाहतहमें बहुत दूर तक ले आई,तैर कर थक गए, डूब गए, लहेरे तैर ले आई -
किनारे की चाहतहमें बहुत दूर तक ले आई,तैर कर थक गए, डूब गए, लहेरे तैर ले आई
हक तो था उन पर हमारा पर पता नहीं कैसे खो बैठे,इश्क तो आज भी है उनसे पर पता नहीं वो हमेंया हम उसे खो बैठे। -
हक तो था उन पर हमारा पर पता नहीं कैसे खो बैठे,इश्क तो आज भी है उनसे पर पता नहीं वो हमेंया हम उसे खो बैठे।
भीगने को हरदम तैयार रेहतेपर अब ऐसी बारिश कहा फूल तो आज भी खिलते रेहतेपर प्यार के फूल खिले अब ऐसी बारिश कहा -
भीगने को हरदम तैयार रेहतेपर अब ऐसी बारिश कहा फूल तो आज भी खिलते रेहतेपर प्यार के फूल खिले अब ऐसी बारिश कहा
हां शायद चैन से सोते होंगे वो रातो में,हमारा,हमारा क्या रोते रहते है रातो में। -
हां शायद चैन से सोते होंगे वो रातो में,हमारा,हमारा क्या रोते रहते है रातो में।
रोने से क्या होता हैकोई तो बता दो मुझे,जिस ने भी खोया होकोई करीबी अपना,खोंने से क्या होता हैकोई तो बता दो मुझे। -
रोने से क्या होता हैकोई तो बता दो मुझे,जिस ने भी खोया होकोई करीबी अपना,खोंने से क्या होता हैकोई तो बता दो मुझे।
किनारे से पूछता हूं, शायद उसे पता होगा,केसा लगता है जबठोकरे हररोज लगती है। -
किनारे से पूछता हूं, शायद उसे पता होगा,केसा लगता है जबठोकरे हररोज लगती है।
गुमराह करने आई थी, यादे उसकीहम हो गये और क्या, वो चली गई। -
गुमराह करने आई थी, यादे उसकीहम हो गये और क्या, वो चली गई।