जख्मो की गिनती कहा रखते थे हम
ये तो वो घाव है जो की भरते है नहीं।-
Bathvar veer
(वीर)
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Joined 10 February 2019
5 AUG 2021 AT 20:28
हां लिखी तो गई थी किस्मत
हमारी भी सुनहरी स्याही से,
किसी और से क्या शिकवा,
जब मिटानी हमने चाही हो।
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12 JUL 2021 AT 10:10
किनारे की चाहत
हमें बहुत दूर तक ले आई,
तैर कर थक गए,
डूब गए, लहेरे तैर ले आई-
10 JUL 2021 AT 15:11
हक तो था उन पर हमारा
पर पता नहीं कैसे खो बैठे,
इश्क तो आज भी है उनसे
पर पता नहीं वो हमें
या हम उसे खो बैठे।-
26 MAY 2021 AT 14:53
भीगने को हरदम तैयार रेहते
पर अब ऐसी बारिश कहा
फूल तो आज भी खिलते रेहते
पर प्यार के फूल खिले
अब ऐसी बारिश कहा
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24 MAY 2021 AT 9:48
हां शायद चैन से सोते होंगे वो रातो में,
हमारा,हमारा क्या रोते रहते है रातो में।-
21 MAY 2021 AT 20:50
रोने से क्या होता है
कोई तो बता दो मुझे,
जिस ने भी खोया हो
कोई करीबी अपना,
खोंने से क्या होता है
कोई तो बता दो मुझे।
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18 MAY 2021 AT 16:58
किनारे से पूछता हूं,
शायद उसे पता होगा,
केसा लगता है जब
ठोकरे हररोज लगती है।-