જ્યારે જ્યારે તકલીફ થતી ને ત્યારે ત્યારે એને યાદ કરતો
અને હવે જ્યારે જ્યારે એને યાદ કરું છું ત્યારે ત્યારે તકલીફ થાય છે...
બસ આ જ હતું 2024 નું વર્ષ
કદાચ 2025 માં ના એની યાદ હશે ના તકલીફ હશે...!!-
भुला तो दिया है बातों को वादों को.
उसकी हर यादों को..
भुला तो दिया है उसको और उसकी हर निशानी को
अब तो सिर्फ याद है प्रेम की
और प्रेम उन्हें तो था नहीं सिर्फ हमें था और हमारी चीज़ को हम कैसे भूल सकते हैं...।।-
कभी चलते चलते ही ये सांसे बंद हो जाए..
तो समझ लेना जिस चेहरे का इंतजार था उनसे नजर मिल गई...।।
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प्रेम तो एकतरफा ही होता हैं..
दोनों तरफ़ से हो उसे तो समझौता कहते हैं...।।-
पहली बार मिला उस शख्स से थी मोहब्बत..
आखिरी बार मिला वह शख्स पराया था
और गैरो से न शिकायत होती हैं और न ही मोहब्बत...।।-
कभी किसी के होने का गुरूर मत करता
क्योंकि वक्त बेहद मोहब्बत का भी गुरूर तोड़ देता हैं...।।-
फिर क्या ज़िंदा तो रहना था
जिंदगी अकेले की थी पर बहुतों का हिस्सा था,
पर क्यों ? कैसे ?
जी रहे थे वो किसी को भी पता नहीं चला...!!-
मुझे मुझसे बेहतर जानती हूं..कहने वाली न मुझे समझ पाई और ना ही में उसे समझ पाया,
और फिर एक दिन कभी न खत्म होने वाली मोहब्बत और उसके वादे इरादे सब खत्म हो गया..।।-
स्री और पुरुष के प्रेम में सिर्फ इतना ही अंतर होता हैं कि
स्त्री जीवन में प्रेम देती हैं
और पुरुष प्रेम में जीवन दे देता हैं...।।-
जीवन में कभी भी इश्क़ बेहद मत करना,
वरना जिस शख्स के लिए तुम सारी हद पार कर लोगे वही इंसान आपको हद से बाहर कर देगा,
आप सोच भी नहीं पाओगे कि जिस शख्स के लिए तुम सारी दुनिया से लड़ने के लिए तैयार हो गए थे जिस शख्स के लिए तुम अपनो के सामने खड़े हो गए थे,
जिस शख्स के लिए तुम सबकुछ दाव पर लगाने के लिए तैयार हों गए थे सारी हदे पार करना चाहते हैं ,
वह शख्स आपके इश्क आपके जुनून को पल भर में तोड़कर चला जाएगा, और अंत में आपके पास कुछ नहीं बचेगा ,
बचेगा तो सिर्फ अफ़सोस अपने इश्क़ पर अफसोस अपनी ईमानदारी पे अफसोस...।।-