जब जिक्र तेरा होता है......
हर लम्हा गुलजार होता है.....
अश्कों कि मासूमियत तो देखिए.....
आतुर वे लुढ़क जाने को |
अधरो को यह अख्तियार होता है....
मुस्कान है बस क्षणिक आभास.....|-
जैतून रंग वर्दी का था ,
धड़कन देशभक्ति थी,
धधकती मशाल हरदम थी,
दुश्मन के वार के पहले ही ,
वार का पलटवार रच लेती थी,
रुकसत जीवन से वो हो गया ....
एक जज्बात बस दिलों में छोड़ गया,
शेरे हिन्द मरा नही करते ,
अजर अमर रह हरदम ,
देश भक्ति की मशाल संग ....
प्रेरणा स्त्रोत बन दिलों में राज किया करते हैं ।
जय हिंद 🙏🏼
शत -शत नमन 🙏🙏
-
जरा सा वक्त माँगा था मैंने.....
थोड़ा सम्भल जाने वास्ते.....
मुस्कानों के सिलसिले ....
खुद बयां करगें.....
मेरी जुस्तजू के फलसफे .....
जरा-सा वक्त माँगा था मैंने
ओठो से आँखों तक के फासले ......
तय करने वास्ते....
-
ड्रामा-ड्रामा कहकर ,
हकीकत को कब तक झूठलाओगे,
आज हमे इसके किरदार बनाकर ,
कब तक इतराओगे,
हकीकत है जनाब,
कभी तो उस डायरेक्टर के ड्रामे में ,
तुम भी अपना किरदार निभाओगे ।-
एक आदत नही बदलती है,
जो हर रोज मैं करता हूँ...
उसके पास न होने के एहसास को,
उसके दिल में होने के एहसास से,
रोज ही मैं कत्ल सरेआम करता हूँ ।
-
गुफ्तगू ......
थी करनी उनसे दिल से,
निगाहों ने कुछ यूँ अदायगी दिखाई....
अल्फाज़ो की....
कमी पड़ गयी हो जैसे,
कुछ कहा भी नही हमने ....
फिर भी गुफ्तगू पूरी हो गईं हो जैसे।
-
पीना तो हम भी शुरू कर दें ,
गर कोई यह कह दे,
प्यालें में घोल दी है हमने ,
थोड़ी-सी वफ़ा और ढेर सारा प्यार ,
सुना है कड़वी होती है शराब.....
क्योंकि आज तक वह वफ़ा बनी ही नही जो जाम को भी बना दें....
जीवन की मिठास का करार ।
-
उड़ानों के लिए पंखों की तलाश में हूँ ....
जमीन से प्यार बहुत है,
फिर भी आसमानों की ख्वाइश में हूँ .... ..-
शब्द जब सिहर जातें हैं ....
मन जब ठहर जाता है,
दिल जब कहर उठता है...
कोई नही अपना जब नजर आता है ....
बस मौन ही तो है जो .....
सब कुछ कह जाता है.....
जिसने समझा वही अपना ....
वरना थके शब्दों के
साथ -साथ रिश्ता भी बिखर जाता है ।
-
जब दिल में हो गम भरा ,
तब खुद को यूं मशरूफ रख लो,
कि अश्क भी मोहलत माँगे,
छलक जाने को गालों पर ।
समय उनको न देना तुम ....
क्योंकि ....
अक्सर ये अश्क ही ....
तुम्हारे बन कर ,
तुम्हारे राज बयां कर दिया करते हैं ।
-