घर छोड़ कर.......
कामयाबी ढूढ़ने निकला था गालिब....
कामयाब होकर अब..... घर ढूंढ रहा हूं...-
Watsap - 8585957335
Now a days .. Lucknow
Own writeups #Shivaholic ... read more
"स्वयं" से "स्वयंवर" तक का सफर....
उफ्फ ये सफर..............
रूबरू होकर तुमसे......
मानो थम सा गया....-
उम्र दराज हुआ तो क्या हुआ गालिब...
"उम्र" के हर "दराज" मे
इश्क महफूज है मेरा....-
गर तू चांद है..
फिर संवरता क्यूँ है..
गर तू नशा है..
फिर बहकता क्यूँ हैं..
बस इस बात का
इल्म ना हुआ...
गर तू हवा है..
फिर ठहरता क्यूँ हैं..-
Tumse..
Tumhari batein..
Bas tum tak rah gayi..
Tumse..
Tumhari yaade..
Bas ham tak rah gyi..
Ajib sa intihaan hai..
ye kash makash ka..
Ki tum sambhale..
Bas Ham bhikare...
Aur
Hamari kahani..
Bas kahani rah gyi...-
आज खबर लगी है उन्हे..
आज ही इजहार होगा..
सफर मे चलेगा वो साथ मेरे..
या सफर का मलहार होगा..
सब्र मे रह गालिब..
आज की शाम बस..
कि रात मे इकरार होगा...
या सुबह का इंतजार होगा..
-
Tu mujhse yun na badha najdikiyan galib...
Main banda najdik hokar bhi
dur sa lagta hu...-