9 DEC 2017 AT 7:35

अगर हो मेरी कहानियां पूरी
तो तुम्हे अपनी नज़्म ऐ किताब दूं

पढ़ सको ये तुम बिना आंसू बहाए तो कहना
फिर सोचू समझू तुम्हे एक खिताब दूं

- Balwant shah 'तन्हा'