Balram Sisaudia   (ẞalराम Sisauदिa)
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Joined 6 March 2018


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1 DEC 2020 AT 19:33

Friendship is keyword that used globally
But
some local variables try to breach its scope
and
they try to Swap its value with another cheap functionality and they wish to throw this into the dying pool
But they don't know its power which saves its personality.

--- A Coder Thought ---

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6 OCT 2020 AT 9:28

क्या गजब कारीगरी है यारों
वो जो भी लिखे सब महगा हो जाता है।
मैं तो आगोश में उसके, भरी धूप में बैठा
वो निकल जाए सब छांव सा हो जाता है ।।

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18 SEP 2020 AT 19:59

कुछ लफ्ज़ नहीं मिलते रूह सहलाने वाले,
कहीं मिल जाते जब रोटी चाहने वाले ।
आंसु कुछ बतलाते कुछ कहते जाते हैं,
एक निवाला खिला दो ये अब रुकना चाहते हैं।
मैं भी हूं उस बस्ती का मासूम सा चेहरा,
सब की तरह ये भी अब मुस्कुराना चाहते हैं ।।

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5 SEP 2020 AT 23:47

वो इश्क़ है , याद आता है,
दर्द का पैग़ाम लाता है,
खुशी का इंतज़ाम लाता है,
वो जब आता बहार लाता है
जाता तो बारिश कराता है,
वो इश्क़ है बहुत याद आता है ।।

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28 AUG 2020 AT 22:12

जो रूह से नहीं मिलते वो,
यादों में मिलने आते हैं, और
हम तो ठहरे किरायेदार अनजान शहरों के,
जो अपने हैं वो रेगिस्तान में मिलने आते हैं ।।

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26 AUG 2020 AT 19:10

सफर में अब हमसफ़र नहीं मिलते,
हमसफ़र अब सफर नहीं करते,
छूट गए जो साथ चला करते थे,
अब साथ चलने वाले साथ दिया नहीं करते,
तू खुद है अपनी जिन्दगी का मालिक,
मालिक अब मालिक सा व्यवहार किया नहीं करते ।

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26 JUL 2020 AT 0:04

रूह से पुकारा उनको पर आवाज़ उन तक पहुंच न सकी,
वो तो खुद में ही मशगूल रहे,
उन्हें हवा में कोई नई बात न लगी ।।

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23 JUL 2020 AT 17:01

जिन्दगी का हर पल शानदार होना चाहिए,
कोई तुम्हें बुलाए या भूल जाए,
खुद का ख्याल रखना आना चाहिए,

""किसी से उम्मीद रखना किसी
गलतफहमी में रहने से कम नहीं""

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11 APR 2020 AT 14:19

कुछ लोग इबादत तो करते हैं,पर
इंसानियत दिखाने से डरते हैं,
कुछ लोग हितैशी तो बनते हैं, पर
सबके साथ खड़े होने से डरते हैं,
जन्नत की ख्वाहिशें तो रखते हैं, पर
बेखौफ माहौल रखने से डरते हैं,
भारत इंसानियत की मिशाल है दुनिया में
वो इस बात को कुबूल भी करते हैं, पर
खुद यमराज का रूप बनाकर भीड़ में ही रहते हैं,
वो कुछ लोग इबादत तो करते हैं, पर
एक जुट होकर देश को बचाने से डरते हैं।
सिर्फ कुछ लोग......

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6 DEC 2019 AT 16:27

हमने लिखना सीख लिया, पर
उन्हें पढ़ना नहीं आया ।
हमने चुप रहना भी सीखा,
उन्हें चले जाना समझ आया ।।

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