में किसी का सम्मान तब तक करता हूँ, जब तक वह मेरे आत्मसम्मान को ठेस न पहुँचाये । -
में किसी का सम्मान तब तक करता हूँ, जब तक वह मेरे आत्मसम्मान को ठेस न पहुँचाये ।
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आप कितने भी ओहदेदार के साथ फोटो खीचा ले.जब पिचड् पड़ती है तो निपट ना खुद ही पड़ता है "धनजंय श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार" -
आप कितने भी ओहदेदार के साथ फोटो खीचा ले.जब पिचड् पड़ती है तो निपट ना खुद ही पड़ता है "धनजंय श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार"
हम खुद से भी खुल कर नही मिले अभी ।और तुम कह रहे हो, तुम जानते हो हमें ।। -
हम खुद से भी खुल कर नही मिले अभी ।और तुम कह रहे हो, तुम जानते हो हमें ।।
हमनें पल-पल बदलते रिश्तों के साये देखे हैं ,हमनें अपनों से बेहतर पराए देखें है । -
हमनें पल-पल बदलते रिश्तों के साये देखे हैं ,हमनें अपनों से बेहतर पराए देखें है ।
काश ! मेरे पास भी चंदा मामा की जगह सरकारी नोकरी वाला मामा होता , में भी इन सब की आंखों का तारा होता । या दबदबा होता ! मेरे नाम का , तो न चाहते हुए मैं इन सब का सहारा होता । -
काश ! मेरे पास भी चंदा मामा की जगह सरकारी नोकरी वाला मामा होता , में भी इन सब की आंखों का तारा होता । या दबदबा होता ! मेरे नाम का , तो न चाहते हुए मैं इन सब का सहारा होता ।
हमे शिकायत सबसे है, पर तुम्हे छोड़ कर । -
हमे शिकायत सबसे है, पर तुम्हे छोड़ कर ।
लक्ष्मण सा भाई होना अगर किस्मत हैं ,तो कुम्भकर्ण सा भाई होना सौभाग्य है । -
लक्ष्मण सा भाई होना अगर किस्मत हैं ,तो कुम्भकर्ण सा भाई होना सौभाग्य है ।
ये सच है मुझे ये जीवन जितनी बार मिला होगा,हर बार मुझे सिर्फ तेरा प्यार मिला होगा ।भगवान करे ये जीवन जितनी बार मिले, हर बार मुझे तेरा प्यार मिले।। -
ये सच है मुझे ये जीवन जितनी बार मिला होगा,हर बार मुझे सिर्फ तेरा प्यार मिला होगा ।भगवान करे ये जीवन जितनी बार मिले, हर बार मुझे तेरा प्यार मिले।।
हम तो कब के मर चुके है,अब तो बस हमारी उम्मीदें जिंदा है। -
हम तो कब के मर चुके है,अब तो बस हमारी उम्मीदें जिंदा है।
जीवन की भाग दौड़ से कुछ समय निकाल कर अपनी भावनाओं को टूटे फूटे शब्दों में व्यक्त करने के बाद एक सुखद एहसास को महसूस करना ही खुशी है । -
जीवन की भाग दौड़ से कुछ समय निकाल कर अपनी भावनाओं को टूटे फूटे शब्दों में व्यक्त करने के बाद एक सुखद एहसास को महसूस करना ही खुशी है ।