सब कुछ टूट कर बिखरा पड़ा है सामने,
है बस में में इतना भी नहीं,
की समेट कर सब कुछ आग ही लगा दूं।-
हैं मोहब्बत के फलसफे तो अब भी हज़ार कहने को,
पर अब लगता है की कही हर बात से मुकर जाउं।-
हैं अधर मौन,
है कितना शोर?
शोर में मै,
मुझमें सब मौन,
भीतर मेरे..
है कितना शोर।
है सब कुछ मौन, है कितना शोर!
शोर मे इतना सन्नाटा,
है कुछ तो बिखरा यहाँ,
कुछ टूटा शायद,¿
टूट गया मौन,..
ख़त्म सारा शोर।
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वो कमरे के कोने वाला दराज़ खोला आज,
महज़ चार चीज़ें ही मिली,
वक़्त, मै, वो और,
और दिल ।
♡-
Am I drowning?
Should i try to reach the shore,
I am drowning,
I guess so.
Is something dead,
or is it me,
Did I died?
I am alive, i can feel it,
The scream is loud and clear,
I heard it too.
Is something drowning?
I guess so.-
किनारा, चाहत, पुरानी बातें हो चली,
ख्याल जो अब आता है,..
के बीच दरीया में डूब जाना कैसा रहेगा।-
& i guess this is the end,
this is how it looks.
I thought it would be hideous,
I was wrong,
it's so serene.
so alluring.-
जो दफन है, भला तुम्हे क्यों उसकी चाहत है,
आए हो , तो ऐसा करो,..
पास फूल रखकर लौट जाओ।-