फिक्र से आजाद थे और खुशियां इकट्ठा होती थी ।
वो भी क्या दिन थे जब गर्मियों की छुट्टी हुआ करती थी ।।-
सारे दर्द तकलीफें मुझे ही सौंप दी ....।
ऊपर वाले क्या इतना भरोसा था मुझ पर...!!🖤-
न जाने क्यों कोई तमाशा भी नही हुआ ,
कैसे बिछड़ा वो शख्स ये खुलासा भी नही हुआ ।।-
मेरे लिए किस बात की होली वह एक इंसान,
जाते-जाते मेरी जिंदगी के सारे रंग ले गया।।-
छोटा आदमी बड़े मौकों पर काम आ जाता है ,
और बड़ा आदमी छोटी सी बातों पर औकात दिखा जाता।।-
तलब लगी है आज मुझे फिर तेरे ख्यालों की...!!
आज फिर तन्हाइयों में तुमसे मुलाकात होगी..!!-
तुम आने का वादा तो करो...?
हम तमाम उम्र गुजार देंगे तेरे इंतजार में।।-
जब जुल्फे गिरा के वो पलके झुकाती है।
सांसे तो चलती है पर जान निकल जाती है।।-
जिद ना किया करो मेरी दास्तान सुनने की यारों l
मैं हंसकर कहूंगा तो भी तुम रोने लगोगे ll-
खुदा तू इश्क मत करना वरना बहुत पछताएगा ...?
हम तो मर के तेरे पास आयेंगे ,पर तू कहा जायेगा....?-