कामयाब होने पर पैसा भी साथ देता है,
तो लोग क्या चीज है...!-
सड़के सुनी हैं और हर गली वीरान है,
हर शख्स यहां कोविड19 से परेशान है
अमीर, गरीब, मज़दूर सबके लिए मुश्किल घड़ी है,
दुनियां में तबाही मची है, मौत सर पर खड़ी है
प्रकृति से खिलवाड़ का नतीजा दुनिया ने पाया है,
एक वायरस ने करोड़ों लोगों को घर में बिठाया है
मौत के मुंह में जाने कितनो को इसने धकेला है,
ये कोरोना है ये जाति, मज़हब देखकर नहीं फैला है
इंसान के इंसान से संपर्क में आने पर ये वायरस फैलता है,
किसी एक को अगर लगा तो पूरा मोहल्ला दिक्कत झेलता है
कहना बस यही है कि सब संभल जाओ यारों
सोशल डिस्टैंस रखो अपने पांव ना पसारो
घर में बैठो, हाथों को धोलो और मास्क लगालो
अभी भी देर नहीं हुई है अपने देश को बचालो...-
Teri Traffic se nikal ne me bhi ek alag sa sukoon tha,
Main Mumbai me rehta hu, ye bolne me bhi ek alag sa guroor tha.
Teri fast local train pakadne ko logo me ek alag junoon tha,
Tere necklace ke waha beth kar "laqtara" sunne me ek alag sukoon tha.
Tujhe pata hai na tu bahot zaada cool hai ?
Par ab, teri traffic me fasna mujhe phir se qubool hai,
Tere shor me pehle so nahi pata tha
Par ab, tere shor ke bina neend nahi aati hai.-
Ye zindagi bhi ajj kuch
Aur hi zindagi hoti
Main muskuraaya jab tumhe dekh kar
Kash tab tum na hasi hoti..!!
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...तेरे चहरे में अब वो नूर नहीं , जो मेरे साथ में होता था !!
बाज़ार ए इश्क़ में तुम अपना , अब दाम बदल लेना
यारा ,
तुम्हें मुझसा कोई चाहे तो ,
मेरा नाम बदल देना यारा !!-
कारीगर हूँ साहब 'अल्फाज़ो' की मिट्टी
से 'महफ़िलो' को सजाता हूँ...
कुछ को 'बेकार' .....कुछ को
'कलाकार' नज़र आता हूँ"!-
पलकों में आँसू और दिल में दर्द रोया
हँसने वालो को क्या पता रोने वाला किस क़दर रोया ,
मेरी तन्हाई का आलम वही जान सकता है
जिसने ज़िन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया !
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हमेशा देर कर देता हूँ मैं ,
ज़रूरी बात करनी हो , कोई वादा निभाना हो ,
उसे आवाज़ देनी हो , उसे वापस बुलाना हो ,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं..
मदद करनी हो उसकी
यार की तराश बनाना हो ,
बहोत देरी ना रास्तो पर किसी से मिलने जाना हो ,
हमेशा देर कर देता हूँ मैं..
बदलते मौसमो की इस सैर में
दिल को लगाना हो ,
किसी को याद रखना हो , किसी को भूल जाना हो ,
हमेशा , देर कर देता हूँ मैं..
किसी को मौत से पहले किसी ग़म से बचाना हो ,
हकीक़त और थी कुछ
उसको जाके ये बताना हो ,
हमेशा , देर कर देता हूं मैं..-
अब ना तेरे आने की ख़ुशी रही
ना तेरे जाने का ग़म
वो ज़माना बीत गया , जब तेरे दिवाने थे हम
अब तू मेरी शायरी अपने बच्चो को सुनाएगी
अपने किए पर बहोत पछताएगी
और उन्हें ये कहेगी की अगर मुझसे होता ना श्याप्पा
तो एक शायर होते बच्चो तुम्हारे पापा
पर अब नहीं है कुछ ये फ़ायदा तुझे समझाने का
क्योंकि अब ग़म तुझे होगा मेरे जाने का !-