"मसला" जो कुछ भी हो,मिल के सुलझा लेंगे " ऐ जिंदगी"
इस कदर तू मुझ से रूठ कर , मुझे ही खो देगी....-
Luv me ..good,
hate me... Better.. But if u don't know me... Don't dare to judge me.. ☺
"मसला" जो कुछ भी हो,मिल के सुलझा लेंगे " ऐ जिंदगी"
इस कदर तू मुझ से रूठ कर , मुझे ही खो देगी....-
गर्दिशो में तूने फरियाद सब से की है....
सिर्फ इतना बता क्या कभी 'रब' से की है....-
गलती इतनी थी , हम हाले दिल , लफ़्ज़ों में बयां न कर सके...
गुनाह ये था तेरा कि तू आंसुओं को 'आंख का पानी' समझ बैठा....
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न इस कदर सहला मेरे जख्मो को तू......
कि जब दुआ बेअसर हैं, तो दवा क्या करेगी....-
इक दूजे का हाथ थामे कुछ देर तो साथ चलते हैं ...
गर तू पहले तक गई 'जिंदगी',तो मैं खुद ही हार जाउंगी...
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जिंदगी कुछ इस कदर से अपनी मनमानी कर रही है..
लबों पे हंसी है और आंखों की नमी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है....-
तुम पास ही बैठी थी,मुस्कुरा रही थी,.....
नींद खुली, अहसास हुआ सिर्फ ख्वाब था...
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बहुत कुछ है लिखने को यूं तो.....
मगर कभी अल्फाज़,तो कभी कागज़ कम पड़ता है....-