मेरी पंक्तियों में फिर फूल आने लगे हैं
मोहब्बत में पड़ने के कयास लगाए जाने लगे हैं।-
"Talking to your crush gives you butterflies in the stomach....... really...??
Girl.....have you ever had meaningful conversation with a woman you admire a lot......?what does that feel like........?"-
घर से बाहर निकली हर लड़की ,हर औरत.....जो आधिकारिक तौर पर किसी पुरुष के साय में नहीं है......बदचलन है। किसी से थोड़ा हॅंस बोल लिया...तो खुली दुकान हो गई। किसी विषय पर अपनी राय रखी तो अक्खड़। मन का पहना...तो छींटाकशी का खुला बाजार। नजरें मिलाकर बात की...तो बेशर्म।
हमारी नज़रों में बस वही स्त्रियां सुशील रहीं...जो अधिकृत हो गई किसी के लिए....जैसे गाय बंध जाती है किसी खूंटे से।
हालांकि पुरुषों के लिए.......ये मापदंड अलग ही रहे....उनके रंगीन मिजाज को लोगों ने पूरे दिल से हमेशा अपनाया है। पुरुष बाग का भंवरा हो गया......पर बदचलन........कभी नहीं।-
Before 30 you are proud of good skin.....later on you are proud of good brain.... I'm there in between....
(Something from A midnight diary : A journey of an insane girl to A mutured woman)-
" फलों से लदे हुए पेड़... सद्गुणों से युक्त मनुष्य एक से ही तो हैं। फल टूटते हैं......पेड़ सूने हो जाते हैं, सद्गुण खत्म होते हैं......मनुष्य खोखला हो जाता है। टूटे हुए फल और छूटे हुए सद्गुण....फिर कभी अपने पालक तक दोबारा नहीं पहुंच पाते। सही हैं न....💚💚"
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"पूरी नहीं...पर कुछ तो मुकम्मल होती....
मैने सोचा था...ये कहानी हमारी है....."-
Raindrops often have their own tiny world and that is actually more beautiful than the original one.....
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"I feel left out when I'm with people
but i feel complete when I'm alone"-
तुमसे बिछड़े...यूं तो बहुत वक्त नहीं गुज़रा था,
पर तुमसे मिले हुए भी तो एक अरसा बीत गया है.........-
तुमसे मुॅं फेरना....जैसे खुद से मुॅं फेरना था।
मैने फिर मुद्दतों नहीं देखा चेहरा अपना......-