आन बान शान था वो,गुर्जरों की जान था वो,,
पिछड़े समाज का नायक महान था वो।
अनपढ़ गुर्जरों में शिक्षा का प्रचार किया,
अज्ञानता के तन पर ज्ञान का प्रकाश किया।।
शिक्षा की अलख जगाई थी जिसने समाज में,
अंधकार नींव में प्रकाश का पूंज था वो,,
समाज के निर्धनों का शिखर सा संबल था वो,
आन बान शान.....................!!
कुरीतियां मिटाने को प्रचार खूब किया था,
बेड़ा इस काम का हाथ खुद लिया था।
समाज को सही राह जिसने दिखाई थी,
आन बान शान...................!!
अपने हक का जिन्होंने हमें भान कराया था,
हक के खातिर लड़ना भी उन्होंने ही सिखाया था।
पटरी वाले बाबा ने लंबी लड़ी लड़ाई थी,
बहुत बड़े संघर्ष बाद गुर्जरों को हक दिलाया था।
आन बान शान...................!!
गुर्जरों का श्री कृष्ण वो, गुर्जरों का गांधी था वो,,
जिब्राल्टर की चट्टान वो, पाटोली वाला बाबा था वो।
आन बान शान था वो,गुर्जरों की जान था वो,,
पिछड़े समाज का नायक महान था वो।।
@KÄSÂÑÅ
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