... B ...   (✨ Balabhadra ✨)
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◆ Apni Khushiyan Apne Hath ........
Joined 30 May 2020


◆ Apni Khushiyan Apne Hath ........
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24 JAN 2024 AT 13:16

तुम बैठे रहो और बात हो
फुर्सत बहुत और लंबी इए रात हो
कुछ कहकर जब सांस छोड़ें
हर सांसों मैं आप ही का एहसास हो ..

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24 JAN 2024 AT 11:18

मुक़म्मल तेरी हर ख्वाहिश कर दूँ 
छिपाकर ख़ुदको तेरे आँचल में अपना दिल रख दूँ...

लिपट जाऊँ ज़िस्म से रूह की तरह 
इन साँसो से मिलकर यूं जो धड़कन कर दूँ...

कर श्रृंगार तू मेरे ही निगाहों से 
यूं नजरों को मैं आईना कर दूँ...

माना मैं धूप तो तू गर्मी सी 
बरसाकर इश्क आ तुझे सावन कर दूँ...

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2 JAN 2023 AT 11:01

बोल कैसे लाऊँ तेरी लफ़्ज़ों पे
उस भरोसे की मुस्कुराहट को
नाराज़गी भी जिस मैं जाएज़ हो
तो बोल सोऊँ किस कफ़न मैं
जहाँ तोफा तेरी लबों की मुश्कान होआ
मुकदमा चले अगर
तेरी उस भरोसे के बास्ते
इए ज़िस्म चाहें हो फ़रेबी
मग़र इए रूह तुझ पे ही कुरबान हो

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14 DEC 2022 AT 14:28

वो मौत भी बड़ी हसीन होगी
जो आपकी बाहों मैं आनी होगी
जायँगे तो हम आपसे पहले ही
कियूं की पहंच के उस महफ़िल मैं
जनत भी तो सजानि होगी
ना तकलीफों की आहटें होंगी
ना होंगी दर्द की बो काली मंज़र
रेसम सा बिछा रस्मे सादगी मैं
....... सिर्फ़ .......
" होंठो पे मुस्कान और
चेहरे पे आपकी लाली होगी "

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11 NOV 2022 AT 16:01

अपनो को अपनापन देते देते
शायद खुद को भूल चुका हूँ
मोहब्बत प्यार इश्क़ हो या आशिक़ी
था जो मंज़िल को देना
वहाँ खुद रुकावट बन चुका हूँ
मुकमल था जिसकी लबों की मुश्कान
उस कमल की सादगी मैं ज़हर सा घुल चुका हूँ
न ख़ामोशी की गुंजाइश और
न होंगी अश्को की आहटें
था जो मुकमल कारवाँ ए बदलाव का
आज खुद से मिल खुद ही बदल चुका हूँ

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8 NOV 2022 AT 23:17

Kaafile shaks ke chehre yaaha naa jane kitne honge. Mgr ak chehre ke vaste saare yaha dhundle se lagete hai. Chahe shaks ki pehchaan ho ya fir mukammal ho shaksiyat ki buniyad ; Saadgi se bhari Muskan ko dekh
ak Sukoon sa lagta hai ......

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11 MAY 2022 AT 10:19

उरूजे अदा कर रहा जमाना
आज महफिले बक्त से मुझे
उस मोहब्बत को ला दे
जो शरीर था लिपटा लहू से
कई काफ़िले दर्द के बास्ते
उसकी रूह से मुझे फिरसे
.......... मिला दे ..........

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29 APR 2022 AT 16:40

चल ले चल उस पल मैं : जब मैं पहली बार रोई थी
जिनकी आँसू भरी आँखों मैं : पूरी धरती समाई थी
भूल गई वो सक्स अपनी सारी कठिनाइयों को
एक चेहरा के बास्ते जिस के ख़ातिर कईं दफ़ा वो
................... खून बहाई थी ....................
जिंदगी को जनत की जनाजे से छीन लाई थी
क़र्ज़ अदा किया तो भी : ख़ुदा से दूर रह कर और
एक जिंदगी के बास्ते : हर महीने मैं खून दे कर

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26 APR 2022 AT 20:05

इतना ना मुस्कुराया करो
की चाँद भी जल जाए
सितारोँ की इस महफ़िल मैं
....... छाये जब .......
सूरतें सादगी तुम्हारी
... कहीँ उसे देख बो ...
चाँदनी को न भूल जाये

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14 MAR 2022 AT 9:29

Ki iss chehre ko dekh ab kya kahe
jo khudi mai hi tabahi ho
........... Aur unn .........
Ankhon ki baat toh kya hi kahe
jo isharon pe hi keher dhati ho ...

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