हमारी दरियाओं से रिश्तेदारी थी
सेहरा हमसे पानी लेने आता था-
दिन का सवेरा ठीक है
Instagram I'd : @axeemmehdi
Twitter I'd ... read more
ख़याल तकीये के नीचे दबा के सोया हूं
ये कैसे कहदूं तेरी याद अब नहीं आती
तू सबकुछ जानता है तो मुझे बता मुर्शीद
क्यों मुझे रात भर नींद अब नहीं आती-
ये आखिर बार तुम्हे दिल से लिख रहे हैं खत
अरीज़ा फिर कभी दरिया में बहाएंगे नहीं
Ye akhir bar tumhe dil se likh rahe hain khat
Areeza fir kabhi dariya main bahayenge nahi-
एक कोहसारों से आ रहा था घर
एक जंगल से जा रहा था घर
और फिर दोनो रहगुज़र भी मिले
जिन्हे घर पे बुला रहा था घर
जिन दीवारों से टेक रखा खुद को
उन दीवारों से हिला रहा था घर
मैंने देखा उस रोज़ आंधी में
कैसे खिड़की हिला रहा था घर
और पामाल हो गया वो सब
जिनकी लाशे उठा रहा था घर-
जाम हाथो से अब अपने बनाएंगे नहीं
नशे में डूबे हो अब और पिलाएंगे नहीं,
तीरगी ऐसी उजालों में हमे कुछ ना दिखे
अब अंधेरों में चिरागो को जलाएंगे नहीं,
तुम में कुछ खास हुनर है तो बताओ ना हमें
ये राज़ राज़ है हम किसी को बताएंगे नहीं,
तुम्हारा दिल हो तो हमे बद्दुआएं भी देदो
मगर हम तुम्हे ज़र्रा बराबर सताएंगे नहीं,
खुद से हद पार करी है तो खुद अजाओ ना
इस रोशनदान को हम खुद से बुझाएंगे नहीं,
ये आखिर बार तुम्हे दिल से लिख रहे हैं खत
अरीज़ा फिर कभी दरिया में बहाएंगे नहीं,-
देखा है हमने आप से हीना तराश कर
रंगे बदल बदलती है वो रंग रात भर
आए हैं देखने को उन जुगनुओं को हम
कैसे गुज़ारते है वो संग रात भर
-
उसकी निगाहें खुद ही शमा बुझा देती हैं
जब कभी होती हैं बे पर्द रात की बातें
Uski nigahein khud hi shama bujha deti hain
Jab kabhi hoti hai be-pard raat ki batein-
वो सारी रात में उस दर्द रात की बातें
पलट के आई हैं फिर सर्द रात की बातें
जो आंधियों में सुनाए थे अन कहे किस्से
वो सारी याद हैं वो गर्द रात की बातें
गर लड़कियां सुनलें तो घर से बाहर ना जाएं
कैसे - कैसे करते हैं मर्द रात की बातें
वो आसमां ने जब सुर्खियां बटोरी थी
बदल के रंग को वो ज़र्द रात की बातें
उसके हाथों को यूं हाथों में थामे हुए
कितनी प्यारी थी वो खुर्द रात की बातें
उसकी निगाहें खुद ही शमा बुझा देती हैं
जब कभी होती हैं बे पर्द रात की बातें-
मालूम ना था हमको ये सेहना ही पड़ेगा
इक दिन हमे तुमसे जुदा होना ही पड़ेगा
सुबह तो कट जाती है बस रात का डर है
अब रात को तन्हा हमे सोना ही पड़ेगा
होने भी लगी थी हमे उनसे भी मोहब्बत
वो जिनके बिना अब हमे रहना ही पड़ेगा-