Azad Malkhan Singh Lodhi   (Azad malkhan singh lodhi)
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Joined 26 May 2019


Joined 26 May 2019
21 AUG 2023 AT 10:25

यदि मैं अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार हूं,अपनी जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदार हूं, अपने परिवार के प्रति ईमानदार हूं,तो मुझे इस बात का भी कोई मलाल नहीं की मैं सफल नहीं हूं।

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29 MAY 2023 AT 9:41

मैं जानता हूं अपनी हद में रहना।
मैं जानता हूं अपनी मर्यादा में रहना।
मुझे कायदे कानून के दायरे पता हैं।
मुझे संस्कारों और रीति रिवाजों की हकीकत पता है।
लेकिन मैं चाहता हूं, कम से कम जितना मैं सही हूं उतना मेरे लिए एक शख्स हो जैसा मैं हूं थोड़ा तो वो शख्स मेरे जैसा हो।
एक युग में सीता के चरित्र पर उंगली उठाने वाले थे
तो एक युग में द्रोपदी का सम्मान हरने वाले थे।
इस युग की बात मैं करता हूं इस युग में और गिरे हैं मानव अपने ही किरदारों में।
फंस गए हैं अपने ही आचारों और विचारों में।
क्या तड़प होती है प्रेम की ये राधा जानती हैं, या कृष्ण क्योंकि दुनिया मगन है अपने दिखावे के किरदारों।
अब न करना किसी से सच्चे प्रेम की अपेक्षा वर्ना गिरा देंगे खुद को खुद की नजरों में।

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24 DEC 2022 AT 11:13

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2 DEC 2022 AT 9:54

हर वक्त खुश रहा जाए ये मुमकिन तो नहीं और हर वक्त उदास रहा जाए ये जरूरी तो नहीं !!

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26 AUG 2022 AT 20:29

आगे बढ़ने के जिंदगी के दो उसूल हैं..!!
पहला:- जितना सीखोगे उतना आगे बढ़ोगे.!
दूसरा:- जब तक कोशिश नहीं करोगे तब तक सीखोगे नहीं.!

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15 AUG 2022 AT 20:09

नियति के लिखे संघर्ष में न
सुविधाएं काम आती हैं और न ही लोगों की बातें यदि कुछ काम आता है तो सिर्फ
खुद की मेहनत खुद का हौसला खुद का आत्मविश्वास।

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8 AUG 2022 AT 9:29

यदि हम किसी के दुखों का कारण बने तो हम कैसे अपनी खुशियों की अपेक्षा कर सकते हैं.

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18 JUL 2022 AT 14:40

कोई वजह न हो तब भी मुस्कुरा देते हैं

हम लड़के हैं जनाब हर गम छुपा लेते हैं।
Insided feelings
😊✍🏻

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27 JUN 2022 AT 12:25

कभी कभी हमारे साथ वो सब कुछ होता है,जो हम चाहते हैं,बस हम जो महसूस करना चाहते हैं,जो अनुभव करना चाहते हैं वो नही होता और शायद उसके लिए हमें जीवन भर तरसना पड़ता है।

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25 JUN 2022 AT 9:33

बड़ी से बड़ी डिग्रियां हों या बड़ी से बड़ी सफलता हो यदि वक्त पर अपने माता पिता की तकलीफें न समझ पाओ तो सब व्यर्थ है।
सारी शिक्षा सारे संस्कार सब अर्थहीन हैं।

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