बे-मुरव्वत जमाने मे संघर्ष ही एकलौता साथी है जो साथ भी देता है, सुख भी ,शांति भी,सफलता भी और सुकून भी|
सकारात्मक रहें!— % &-
समय १०:१८ मिनट
तारिख २६ जनवरी १९५०
था यही वो शुभ दिन-
जिसने दिया हमें गणतंत्र का उपहार,
जहां चलता गण के तंत्र का फरमान|
बन के तैयार था हमारा संविधान,
बनने मे लगे १८ दिन,११ महीने, व २साल|
३९५ अनुच्छेद ८अनुसूचीयों के साथ,
विश्व का विशालतम हस्तलिखित संविधान,
जिसने दिया हमें समता,स्वतंत्रता, न्याय का अधिकार,
लोकतंत्र का सौगात और मताधिकार |
है ये हमारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय त्योहार,
राष्ट्रपति के झंडातोलन से होती शुरुआत,
शक्तिप्रदर्शन और परेड होता इसकी शान,
सांस्कृतिक आयोजन होता बहुत ही खास|
गणतंत्र दिवस का त्योहार-
हम मनाते हर साल और गुनगुनाते-
"हम भारत के लोग,भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न,
समाजवादी,पंथनिरपेक्ष,
लोकतन्त्रातमक गणराज्य बनाये रखने को हैं कृतसंकल्प"
दीप शिखा
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अकर्मण्यता ➡️आत्मविश्वास में कमी ➡️अवसाद➡️
आत्महत्या का विचार-
स्वर्णविहान में सर्वांगीण विकास हो,
नवलवर्ष में नूतन निर्माण हो,
हर दिन होली व ईद की रात हो,
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ !
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Same thing..
But,people perceive differently why ?
After delving into deep I came to conclusions People tend to interpret according to their convenience.
BE POSITIVE!-
खानदान का घमंड उसे दिखायें जिन्हे अपनी काबिलियत पर शक हो वरना मैंने देखा है अखबार बेचने वाले को राष्ट्रपति और चाय बेचने वाले को प्रधानमंत्री बनते और याद रखें इतिहास साक्षी है बड़े- बड़े राजघराने के दयनीय अंत का |
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||लक्ष्यप्राप्ति||
■बड़े लक्ष्य को साधने के लिए छोटी-छोटी अगणित इच्छाओं का दमन करना ही पड़ता है|
■जो भी व्यक्ति,विषय,वस्तु लक्ष्यप्राप्ति में सहायक ना हो उस पर ज्यादा ना सोंचे|-
॥शब्द की शक्ति॥
●किसी भी रण को ठानने व टालने में शब्द की महत्वपूर्ण भूमिका होती है |
●ये शब्द हीं हैं जिसके सदुपयोग से शत्रु को मित्र व दुरूपयोग से मित्र को शत्रु बनने में क्षण भी नहीं लगते|
सकारात्मक रहें!-
Yes! I do love Difficulties,
I do love challenges,
Because all these stimulate me to find new opportunities & prove myself.
Be Positive 🙂-
अपने समय का उपयोग दुसरों की कमियों को गिनाने में नहीं अपनी कमियां दूर करने में लगायें|
सकारात्मक रहें!-