कुछ रूहानी, कुछ अनजानी ,
पर फिर भी तुझे सुनानी ।-
बिना मोहब्बत किये उस शख्स ने मुझे उस हद तक जाना,
जिस हद तलक लोग मोहब्बत मे जानते है।-
हैरत कँरु , मलाल कँरु, या गिला कँरु,
अपने ही पराये बन बैठे, बताओ मैं क्या कँरु।-
वो हमसे फुरसत मे बात करते है,
और हमे बात करने से फुरसत ही नही मिली🖤🖤-
पैमानो में अब तलक शराब बाकी है,
जिंदगी का यारों अभी हिसाब बाकी है|
मान लिया की है; ये मेहफिल शरीफों की,
खुलना कइयों के अभी नकाब बाकी है|
मैने अपनी गलतीयों से सबक सीखे है,
मुझको अभी पड़ना कई किताब बाकी है|
हर दिन करती हूँ सवाल जिंदगी से,
पर अभी आना तो कई जवाब बाकी है|
दर्द मे मैने गुजार तो दी जिंदगी पर,
मुझको पाना अभी वो मुकाम बाकी है|-
काश हम गुजरे हुए वक्त को बदल सकते,
जो बीत गया उसे वापिस ला सकते,
हर उलजन को सुलझा सकते,
हर उमीदों को पूरा कर सकते,
ढोकर खाकर भी वापिस उठ सकते,
और जिंदगी मे फिर से मुस्कुरा सकते🙂🙂-
बिस्तर पर मोहब्बत जाहिर करने वाले तो बहुत मिलेंगें,
चाहत तो उसकी है जो भरें बाजा़र मे सीने से लगा ले-
तुम आदत हो या मजबूरी ये तो नही जानते हम
पर हाँ तुम बिन रह नही सकते इतना जानते है हम...
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साथ भीगें बारिश मे ,
फिलहाल ये मुमकिन कहाँ,
चलों भिगते है यादों में,
तुम वहाँ.... मैं यहाँ-
आज भी रातें गुजर जाती है , तुम्हे याद करके...
तुम्हारे साथ वक्त गुजारे ,जमाना हो गया...-