सफेद प्रेम 🤍 प्रेम किसी रंग का मोहताज नहीं। सफेद प्रेम छल से परे, पवित्र होता है। सफेद प्रेम पानी की तरह बेरंग होता है,बस बहता जाता है। जिस भी रंग में ढालो, ढल जाता है। सफेद पहाड़,सफेद कबूतर,सफेद चाँद,सफेद फूल,सफेद गजरा,सब खूबसूरत है। सफेद प्रेम की तरह।।
अब मै पहले की तरह रोती नही।। पहले की तरह परेशान नही होती।। खुद को मजबूत बनाते बनाते- तुझसे प्यार जताते जताते उस जगह पहुंच गयी ।।जहाँ अब मुझे तुझे बिना बताए प्यार करना आ गया अब मै पहले से ज्यादा चुप रहने लगी हु तेरे प्यार मैं मुस्कुराने लगी हु हा बहुत खुश हूं मैं तू आया भी नही और मैने तुझे पा लिया जैसे मानो खुद को पा लिया हो।। मेरा प्यार तुझे दिखे ना दिखे उपर वाले को पता है वही काफी है।।