उस रोज़ जब तुम अंगड़ाई ले कर मुसकुराई थी ...तुम क्या जानो हमें सम्भलने के लिए पुरी महफिल उठ आई थी। -
उस रोज़ जब तुम अंगड़ाई ले कर मुसकुराई थी ...तुम क्या जानो हमें सम्भलने के लिए पुरी महफिल उठ आई थी।
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कभी कागज पर लिखा था तेरा नाम अंज़ाने मे,,, आज तक उस्से बहतर नज़म मैं लिख ना पाई.. -
कभी कागज पर लिखा था तेरा नाम अंज़ाने मे,,, आज तक उस्से बहतर नज़म मैं लिख ना पाई..
तुम साथ लेके जाओगे तो साथ चलूंगी.... नहीं लेके जाओगे तो इंतजार करोंगी....रास्ता कच्चा हो या धूल भरा,,, तुम्हारे साथ चलने को मिलेगा तो वहा भी चलूंगी। -
तुम साथ लेके जाओगे तो साथ चलूंगी.... नहीं लेके जाओगे तो इंतजार करोंगी....रास्ता कच्चा हो या धूल भरा,,, तुम्हारे साथ चलने को मिलेगा तो वहा भी चलूंगी।
बढ़िया से बेहतर, बेहतर से ख़ूब तलाश कर, और दरिया अगर मिल जाए तो समंदर तलाश कर...युही चलाता रह तलाशी का सिलसिला,और वक्त निकाल कर खुद को तलाश कर। -
बढ़िया से बेहतर, बेहतर से ख़ूब तलाश कर, और दरिया अगर मिल जाए तो समंदर तलाश कर...युही चलाता रह तलाशी का सिलसिला,और वक्त निकाल कर खुद को तलाश कर।
मेरी धड़कते दिल का साज़ तुम हो,मेरी बे-ताबियो का राज तुम हो,कैसे करेगी दवा असर हकीमो की,मेरे हर मरज़ का इलाज़ तुम हो... -
मेरी धड़कते दिल का साज़ तुम हो,मेरी बे-ताबियो का राज तुम हो,कैसे करेगी दवा असर हकीमो की,मेरे हर मरज़ का इलाज़ तुम हो...
मेरी दिल की धड़कन और मेरी सदा हैं तू,,मेरी पहली और आखिरी वफ्फा हैं तू,,चाहा है तुझे चाहत से बढ़ कर,,मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है तू... -
मेरी दिल की धड़कन और मेरी सदा हैं तू,,मेरी पहली और आखिरी वफ्फा हैं तू,,चाहा है तुझे चाहत से बढ़ कर,,मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है तू...
हर मुलाकात पर वक्त का तकाजा हुआ,हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,सुनी थी सिर्फ हमने गजलो में जुदाई की बाते,खुद पर बिट्टी तो हकीकत का अंदाज हुआ। -
हर मुलाकात पर वक्त का तकाजा हुआ,हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,सुनी थी सिर्फ हमने गजलो में जुदाई की बाते,खुद पर बिट्टी तो हकीकत का अंदाज हुआ।
रात गुमसुम है मगर चांद खामोश नहीं..कैसे कह दूं की आज फिर होश नहीं..ऐसा डूबा तेरी आंखों की घराई मे, की हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं। -
रात गुमसुम है मगर चांद खामोश नहीं..कैसे कह दूं की आज फिर होश नहीं..ऐसा डूबा तेरी आंखों की घराई मे, की हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं।
ना जाहिर हुए तुमसे ना बया हुआ हमसे,बस उल्झी हुई नजरो में उल्झे रहे मोहब्बत के रास्ते। -
ना जाहिर हुए तुमसे ना बया हुआ हमसे,बस उल्झी हुई नजरो में उल्झे रहे मोहब्बत के रास्ते।
सारा दिन गुजर जाता है खुद को संभलने में,फिर रात में उसकी याद का एक झूखा ही,मुझे फिर भीखेर जाता है। -
सारा दिन गुजर जाता है खुद को संभलने में,फिर रात में उसकी याद का एक झूखा ही,मुझे फिर भीखेर जाता है।