ना अपनो की मदद है ,
ना गैरो की रहमत।
एक खुद की ज़िद है,
और एक खुदा की रहमत।-
◆Engineer by profession,🎓
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दौड़ ना सका तो चल कर देख।
जीत ना सका तो हार कर देख।
कीमती है अगर मंज़िल, तो कीमत अदा कर देख।
और लगे जब गिरने की है नौबत,
तो जरा लड़खड़ा कर देख।-
हो गया है बहौत वक़्त मैं कहा कुछ कह रहा हूँ।
ज़िन्दगी में शिकायते है बहौत मगर कहा कुछ कह रहा हूँ।
और बहौत वक़्त से हूँ इस भवर में कस्ती को थामे हुए।
मन,जस्बात, जबान को संभाले हुए।
अरसा हो गया मैं कहा कुछ कह रहा हूँ।-
क्या झूठ, क्या सच से क्या फर्क पड़ता है।
जो हुआ सो हुआ समझने में बहुत वक़्त लगता है।
नज़रे चुरा रहे हो मुझसे, शर्मिंदगी तो है नही तुममे
जरूर तुम्हे मुझसे डर लगता है।
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हमने हर जगह अपना मन लगा कर देखा,
वो हमने दुश्मनो से भी हाथ मिला कर देखा,
और जहाँ-जहाँ भी गए बस याद तुम्हारी-ही-तुम्हारी थी,
गुज़रते वक़्त और दिल की खामोशी ने सब तबाह कर दिया देखा।-
कभी हुआ ही नही,कोई ख्वाब खुली आंखों से देखा हो,
बस उसे देखा तो कोई ख्वाब सा लगा।
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चलती आंधियो में तुमने क्या देखा होगा ?
जो देखा होगा धूल उड़ते देखा होगा।
और ज़िन्दगी में तुमने क्या ही पाया होगा?
जो पाया होगा दुसरो से पाया होगा।-