Ayush Mishra   (आयुष मिश्रा)
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Joined 24 December 2016


Joined 24 December 2016
23 AUG 2018 AT 22:53

Neck kisses
Heaven at first
and then it will induce
you to commit Sins,
All at once

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19 NOV 2020 AT 6:38

समंदर पार कर के उस तक
वो तुम तक बस दो क़दम चला होगा।

बिछड़ने के बाद
वो कितनी आसानी से आगे बढ़ गया होगा।

डूबते वक़्त तुम उसका हाथ ढूँढ़ते हो
वो तैरना जनता है
वो कब का दरिया पार कर गया होगा।

उसके बिछड़ने का तुम अब भी हिज्र मना रहे हो
वो बेगैरत है
वो अब तक किसी और के इश्क़ में पड़ गया होगा।

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8 AUG 2020 AT 3:18

तेरी खातिर मीलों चला मैं,
तेरे संग ये दुनिया घूमूँगा।
गले मिली तो सबसे पहले,
मैं तेरा माथा चूमूंगा।

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28 APR 2020 AT 6:09

सुनो, उसके पास मत जाना,
जला के तुमको वो राख कर देगी,
तुम्हारे चैन-ओ-सुकून को,
मिलके औरो से वो खाक कर देगी,
मुबारक़ हो तुम्हे ये सारी जो तकलीफ उसने दी,
जरा सी दूरियां रख लो उससे,
वरना तुम्हारी जिंदगी में भी वो ग़मों का सैलाब भर देगी।

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13 APR 2020 AT 3:05

वो चिट्ठी का जमाना ही अच्छा था,

इंतेज़ार भले था,
मगर रुस्वाइयाँ ना थी।

दूरी भले थी एक दूजे से,
मगर बेवफ़ाइयाँ ना थी।

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9 APR 2020 AT 5:21

सांसें रुक जाए,
जब वो सड़कों पे निकलती हैं,
आंखें बस उसे ही देखें,
जब वो इत्मिनान से सँवरती हैं।

ये अंदाज, ये मासूमियत बस दिखावे हैं,
उसकी वफ़ा, अपनापन ये सब छलावें हैं,
वो एक कदम भी आपके साथ,
अपने मतलब के लिए चलती है।

और जरा ध्यान रखिएगा अपना,
वो कपड़ो से ज्यादा आशिक़ बदलती है।

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8 APR 2020 AT 4:59

तुम्हारी सब नादानियां,
जो थोड़ी बहुत है परेशानियां,
ये सब अपना लूंगा मैं,
वफ़ा अपनी मेरे नाम करोगी क्या।

काटों भरे सफर पर हूँ,
ना जाने किस डगर पे हूँ,
अगर मैं भटका,
तब मेरा हाथ थाम चलोगी क्या।

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5 APR 2020 AT 3:41

मेरे जेहन में तुम्हारी एक आखिरी याद बाकी हैं,
वो जो अधूरी रह गयी थी हमारी, वो आखिरी शाम बाकी हैं,

और तुमसे बिछड़े तो एक अरसा हो गया था शायद,
आज फ़ोन किया है तुमने, लगता हैं तुम्हारा कोई काम बाकी हैं।

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28 MAR 2020 AT 17:47

कह दो ना मुझे तुम क्यों, हमेशा यूँ सताती हो,
मैं नजर कैसे फेरु तुमसे, जो यूँ तुम मुस्कुराती हो,

वो जो तुम खुलें बालों में, हवाओं सीं गुजरती हो,
मैं थम से जाता हूँ, जब तुम माथें पे बिंदी लगती हो।

मैं तुमसे दूर रहता हूँ, जरा ख़ामोश रहता हूँ
मगर लब बोल उठते है, जब तुम वो गानें गुनगुनाती हों।

और कैसे कह भी दे तुमको, की तुम्हारे एक इशारे पे,
हज़ारों मर मिटें होंगे, वो जब तुम सलीके से काजल लगाती हों।

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21 FEB 2020 AT 9:05

वो जो हो ना सकें हमारे तो,
हमको भी कोई गम नहीं।,
वो जो हो जाये किसी और के भी,
तो हमपर कोई सितम नही।

जिसके साथ भी होंगे वो,
उसको बेजार वो कर देंगे,
वो रातों को ना सो पायेगा,
इतना बर्बाद वो कर देंगे।

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