वो हर लफ़्ज़ में खुद को खुदा कहती है,
महफ़िल में भी बस अपनी सना कहती है।
निगाहें उठें तो जैसे हुक्म हो जाए,
मोहब्बत में भी बस अपनी अना कहती है।
इश्क़ है ये, तिजारत नहीं, जो तौल के किया जाए,
यहां सर नहीं, दिल झुकता है, ये समझा जाए।
अब सीखा है मैंने, हर चाहत मुकम्मल नहीं होती,
जहाँ अना हो, वहाँ मोहब्बत नहीं होती ||
-
my instagram id ( ayush_sir1 )
"क्या मैं कुछ कह सकता हूँ?"
प्रेम ने धीरे से पूछा था मेरी ख़ामोशी से
मैं इनकार नहीं कर सका
"तो अब मैं चुप रह जाऊं?"
प्रेम ने मुस्कुरा कर कहा मेरी आँखों से
मैं इकरार नहीं कर सका
-
कल्पनाओं की नौका लेकर,
मनुष्य बहता जाता है।
सपनों की उस निर्झरिणी में,
स्वयं को खोता जाता है।
निर्माण करता स्वर्णिम कल का,
विचारों की दीवारों पर,
पर नियति की एक घटना ही,
ढहा दे सब आधारों पर।
क्षण में सब कुछ बदल सके जो,
उस जीवन का नाम है,
जो सत्य को भी झुठला दे,
वो कालचक्र का काम है।
जो था अभी, अब नहीं रहा,
जो होगा, वो अनजाना है,
भविष्य की सब कल्पनाएँ,
केवल मन का अफसाना है।
नियंत्रण केवल एक क्षण पर,
जो वर्तमान कहलाता है,
जो उसे जीना सीख गया,
वही सच में मुस्काता है।
त्यागो संशय, छोड़ो भ्रम को,
कल पर न विश्वास करो,
जो भी करना है, कर डालो,
अब में ही आकाश भरो।-
गालों पे जो डिंपल है,
वो जैसे किसी झील की सतह पर गिरा कंकड़,
जिसके गोल-गोल घेरों में
मन खो जाता है, जैसे किसी रहस्य में।-
शमशान की चिता पर,
जब अंतिम साँस सुलगती है |
स्त्री का दिल फट जाता है,
पर पुरुषों की आँखें नम नहीं होतीं हैं ||
प्रसूति की पीड़ा में,
जब रूह फिर से आहें भरती है |
पुरुष का मन थरथरा जाता है,
पर स्त्री अंश के स्वागत में मन ही मन मुस्काती है ||
एक मौत से जूझता है,
दूजा जन्म से भिड़ती है।
मजबूती की परिभाषा,
बस स्थान बदलते ही बदल जाती है ||-
अब उसके होठों की क्या तारीफ करूं,
उसने ताजमहल को क्या चूमा लालकिला हो गया💖-
चाँद मुँह ☹️ फुलाए बैठा था ,
बहोत मुरव्वत करने पर पता चला
की वो जान गया है
कि तुम उससे भी खूबसूरत💗 हो ll-