माना इश्क़ पूरा ना हुआ मेरा लेकिन सुकून भी तो अधूरा इश्क़ ही देता है
यू उनकी याद में दिल के कोनो से लेके हर रोम का सिहरना मेरा याद आये उनकी तो तस्वीर देख उनकी हँसना मेरा बातो में प्यार था उनके जब उन बातों को याद करके बन्द आंखों से रोना मेरा जब अकेला बैठे सोचता हूं खुद का तो यादो को आना तेरा हँसते हुए चेहरे के साथ रो जाना मेरा कही सुनता हूं नाम तेरा वहां चुप होजाना मेरा
माना इश्क़ पूरा ना हुआ मेरा लेकिन दर्द भी तो अधूरा इश्क़ ही देता है
माँ तेरी हर बात मुझे वरदान से बढ़ कर लगती है माँ तेरी सूरत मुझे भगवान से बढ़ कर लगती है सारे सुख जहा मैं उन पैरो में लेटा हूँ जिस के कोई संतान नही मैं उन माँओ का भी बेटा हूँ
Kuch yhu teri meri aakiri mulakaat ho Mere dil p tera hath ho Khamoshiya bole sirf lafzo me na baat ho Aeee khuda wo sham asi ho jiske bad kbi na raat ho....