जिसके हाथ दे रखी है रहनुमाई
मोहब्बत बता के वो दहशत दे गया
उम्मीद बहुत थी उससे तो लाज़िम था
दवा बता कर वो ज़हर दे गया
खोल दी खिड़की उसने जो बन्द रखी थी
हवा बता कर वो आँधियाँ दे गया
रौशन होंगे दर ओ दीवार ये वादा था
आग लगाने को मगर वो चिंगारियाँ दे गया
अच्छे दिन, अच्छी बातें, अच्छे कल का सपना था
बुरे हालात, वो वक़्त कितना बुरा दे गया।
- J