है क्या कीमत वापिस आने वाले की किसे पता
वो तो बस याद आते हैं चले जाने वाले,
मन तो करता है रूठ जाऊँ आज किसी से
कोई दिखा ही नहीं पास मेरे,
मानने वाले। — % &-
परिंदा
♀️ Presidency college♀️
Nothing is weird,
Everything what happen... read more
Waqt ne hai kiya humpe dheron sitam, muskurate rahe fir v jaise patthar h hum
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रख के उनको सराखों पर भी क्या कर लोगे
वो मोहब्बत से भरी,तुम अनजान निगाहों से क्या कर लोगे
बात मानो मेरी थोड़ा हौसला रखो दोस्त
पूरी तो तुम ये भी सज़ा कर लोगे
मासूमियत ही कहो की वो सोचती है किसी और को मेरी बाहों में आ के,
ख़ैर दगाबाजों से तुम कितना ही दगा कर लोगे?-
सारे शब्द उतार दिए मैंने पन्ने पर ऐसे
की अब कुछ बचा नहीं है मेरे खज़ाने में ,
एक तरफ लोग कहते रहे इश्क़ सज़ा है "अमन" !
एक तरफ पूरी ज़िन्दगी गुज़ार दी मैंने तिरे तैखाने में ।-
और यूं छोड़ा ना करो बीच रस्ते में मुझको
इश्क़ करो तो निभाना पड़ता है ।-
"तुम वो नहीं जिससे मैंने प्यार किया था "
कहती थी वो ।
और मैं चुचाप उसको सुनता रहा ।
अपनी तंग सी ज़िन्दगी से इतना परेशान फ़िर भी वो हर मुमकिन चीज़ की जिससे उसको खुश रख सकूं ।
पर ऐसा हो ना सका,और वो चली गई ।
अब तुम्हारे जाने के बाद भी ये जाहिर करना मेरे लिए उतना ही मुश्किल हो रहा है जितना तुम्हारे रहते कभी बताने में हुआ करता था ।
पूरे दिन बस वो पल,वो मौका ढूंढ़ता था ,वो सवाल ढूंढ़ता था जिसके जवाब में मैं तुम्हारा नाम ले सकूं। तुम्हे याद कर सकूं । किसी न किसी बहाने तेरी तस्वीर देख सकूं ।
फ़र्क इस बात से नहीं पड़ता कि तुम ने मुझे छोड़ने का मन बना लिया
इस बात से पड़ रहा है कि उस वक़्त बनाया है जब मुझे तुम्हारी सब से ज्यादा जरूरत है । और मैं यहां तुमको सबसे अलग समझता था ।
"तेरी याद ना दिलाए दिल,इसे सताना पड़ रहा है
प्यार करता हूं तुमसे और ये तुम्हे बताना पड़ रहा है ।"-
दिल-ए-नादानी में क्या कुछ नहीं समझा उसने
मुंह फेरना मोहब्बत से मेरे
को,
मोहब्बत समझा उसने ।-
ए मेरे हिज्र पर हसने वालों
उस मोहबब्त को सपने में तूने भी सजाया होगा
और सुना है शहर में बारिश हुई है.?
उसने भीगे जुल्फों को हवा में लहराया होगा ।
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वो मरते होंगे लाखों तुमपे
पर हम तो जीना चाहते हैं
आपके साथ,आपके लिए ।-