गलती को गलती समझकर भूल जाना चाहिए
जो हो नफरत के लायक उन्हें प्यार नही दिखाना चाहिए
एक बात और थी मन मे तो बोल ही देता हूँ
जो प्यार को प्यार ना दे सके उनके लिए दिल मे घर नही बनाना चाहिए
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एक घर मे हर कोई भगवान् नही होता है
कुछ राक्षसों की पीढी से भी आते है
अपना सम्मान अपना स्वाभिमान अगर चाहते है
तो किसी के गिरेवान हर बार हाथ नही लगाते है
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जो सम्मान है उसको सम्मान बना रहने दो
किसी के भी स्वाभिमान से मत खेलो
कोई चुप है तुम्हें सुनकर भी
तो कृपया उसके धैर्य से मत खेलो-
ये बार बार क्यों सुनने को आता है
की तू ही इसकी उसकी बुराई बताता है
कुछ तो होगी ना कमी तेरे घर मे भी
उसको देख ले दूसरों की कमियां क्यों गिनाता है
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जो नाम के अपने
और पीठ पीछे जहर उगलते है
वो लोग भी सांप ही होते है
जो उसकी तरह दूध पीकर भी जहर उगलते है-
ना किसी से उम्मीद
ना किसी से गिला
जो मुकद्दर को मंजूर था
मुझे वही सिला मिला-
हुई है गलतियाँ मुझसे
बस एक आखिरी बार सुधारने का मौका दे
बदल जाऊंगा बुरे से अच्छे इंसान मे
बस मुझे संभलने का मौका दे
जो किया शायद कभी ना भूल पाऊँ
गलतियों को सुधार कर बस तेरा हो जाऊँ
जो हुआ है वो कभी ना दोहराउँ
तुझे हमेशा हमेशा के लिए दुखों से दूर ले जाऊँ
तड़पाया है तुझे और बहुत लड़ा भी हूँ
इसलिए सिर झुकाए खड़ा भी हूँ
है एहसास मुझे मेरी गलतियों का
अब बदलने को निकल पड़ा भी हूँ-
शब्दों से मीठे बनते हो
अपना किरदार क्यों नही दिखाते हो
जब वो सब तुममें है ही नही
तो वो सब तुममें है ये क्यों बतलाते हो
जिस सादगी से लोग को अपनाते हो
वैसा ही क्यों नही बन जाते हो
ये झूठा दिखावा झूठी तसल्ली से
क्यों लोगो के दिल मे अपना घर बनाते हो
जिस घटिया किरदार पर अच्छाई की चादर ओढ़ी है
उसे क्यों धीरे धीरे उड़ाते हो
जैसे तुम हो और तुम्हारा किरदार
उस अच्छाई की चादर एक बार मे क्यों नही उड़ाते हो-
अगर उसका बेटा तरक्की कर लेगा
तो मूंछ कटवा दूंगा लोग ऐसी बात करते है
जमीर बचा भी है की मर गया ? जरा पूछियेगा
जो लोग ऐसी निकृष्ठ बात करते है।-
नियति मे खोट है लेकिन
दिल से अच्छा होने का दिखावा करते है
धीरे - धीरे रंग निखर कर आ रहे उनके भी
जो अपना होने का दिखावा करते है
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