माना हर रात अपने साथ अंधेरे ले कर आती है, पर झिलमिलाती सी रोशनी भी तो हमेशा उसके साथ होती है.... देख ना पाए हम जिन तारो को दिन के उजालो मे, उन तारो से ये अँधेरी रातें ही तो हमें रुबरू कराती है .....
Kuch baate thi, jo tumko batani thi, Ki thi gujarish lamho se kuch der ruk jane ki... Wakt ki raftaar kuch aisi thi, Tum hi nhi the sunne ko, jo bate tumko sunani thi.. Ab aaya he samaj, sayad kuch baate wakt se pehle hi tumhe batani thi...
तुजे जो ना पसंद, उन ख्वाबो को कही दूर छोड़ दिया , ऐ ज़िंदगी, हमने तेरी पसंद के रंगो से ही खुद को रंग लिया , ये जमी भी तेरी और ये आसमा भी तेरा , हमने तो इसके बीच के फ़ासलो से अपना रिश्ता जोड़ लिया ,