मेरी जिदंगी
जन्म मेरा दो जान से हुआ, फूलों शा रखा मुझे नाम मुझे मां बाप ने दिया ,बहन ने हर पल मुझे प्यार दिया, एक दोस्त से ज्यादा साथ दिया ।
कुछ बड़ा हुआ तो एक संसार देखा ,उसमें झूठा मैंने हर इंसान देखा । इसने चुरा चाला कर हाथ मिलाया ,संसार का मुझे एक पाठ पढ़ाया ।।
गुमनाम बस्ती में एक सहारा आया ,खुदा नाम से मेरा यार आया । जिसने दुनिया से हटकर मेरा साथ निभाया ।।
एक कहानी मेरी वह भी थी, दो पल ही सही पर इश्क की अजान सी थी , मंजिल हमारी साथ ना थी ,पर सफर में शाम आबाद सी थी
मां ने लाड किया ,तो बाप ने जिम्मेदारी सिखाई ,बहन जो मेरी हमराह बनी ,प्यार मेरे रास्तों का नजारा, फिर क्या दोस्तों का था हंसाना , बस यही था मेरी जिंदगी का फसाना ।।
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