रोशनदान भी अब नज़र नही आ रहे है
रोशनी की लकीरें भी मद्धिम होती जा रही
अपने हिस्से का खुशियों के दीपक जलाओ
अंधकार दूर हो हर एक मन के तले-
🇫🇷 🇧🇷,🇦🇷,🇸🇳
Writing=love,Nature,philosophy,Motiva... read more
फीके रंग और चटक हो जाएँ इस होली में
उतरे हुए हर दिलों में ये मन घुल कर
इक महक बिखेरे इस होली में
ऐ फाग ज़रा इक राग सुनाकर
चेहरे खिला दे इस होली में!-
हौंसले किसी के खरीदे नही जाते
ये गुमान किस बात का है खुदगर्जो
तुम्हारी मीनारों की ईंट भी
किसी नेकदिल के जमीर पर टिकी है!-
किसी पार्क में बैठकर लिखना
यूँ इतना भी आसान नहीं है
बहुत कुछ सोचने पर इक कोशिश होती है
गुजरने वाले की आहट लिखो
मद्धिम चलती हुई हवा का एहसास
बच्चों के चहकती आवाज़
रास्ते पर जा रही गाडी-मोटर की सरपट
ढलती हुई इक शाम
चिड़ियों का अपने घोंसले पर लौटना
दूर आकाश देखकर शून्य सा मन
या फिर मुस्कुराते हुए उतरते चाँद
जो कुछ ही क्षण बाद
सितारों से भरी चाँदनी रात होने को है
और बहुत कुछ है!!
इस खयाल को यही छोड़ देते है
आओ चलते है बातों के शहर!!-
ज़रा अपना भी गिरेबान झाँक कर देख लो
कहीं छींटे उड़ाने के दौर आये तो
खुद को जगह हो महफूज़ करने के लिए!-
जब नज़र की चाहत हो कि
नजारा तस्वीर बन
शब्दों में ढल जाए।
खुशी हो या गम
बनकर शब्दों के आँसू
पन्नो पर छलक जाए।
यादें हमारी हो या तुम्हारी
कहे कोई किस्सा और कहानी
मैं गाता हूँ गीत, अपनी जुबानी!-
इस रात की है, अपनी पहल
कि कोई हल मिल जाए
काश वो गुज़रे हुए कल
नयी सुबह की धूप हो जाए!-
कहीं पे हार,कहीं पे जीत होती है
उनके मायने बदल जाते हैं
जब वो सुकून देने लगे!
बाजी और भी दिलचस्प होती है,
जब रानी,बादशाह और जोकर
दाँव पे लगे हो!-
वादे और इरादे सब खयाली है
ऐ-जिंदगी किस गुमान पर है
ये किरदार भी इक दिन
किसी बंद किताब में
कहानी भर रह जायेंगे!-
क्षण-क्षण में लागे एक शंकर है
नीले कंठ में भरा गरल भयंकर है
मग्न हुए नाचन लागे वही दिगंबर है
कण-कण भी कहने लगा है
कंकर-कंकर में शिव शंकर है!-