Avnish Joshi  
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Joined 29 October 2019


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Joined 29 October 2019
19 DEC 2021 AT 22:44

आना कभी हम बात करेंगे, चाँद तारो के नीचे सिर्फ तुम्हारी तारीफ़ करेंगे यू तो चाँद है बहुत दूर लेकिन तुम्हें देख के ही उसका दीदार करेंगे

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19 DEC 2021 AT 22:03

आना पास कभी बैठने कितनी सुंदर हो ये तुम्हें हम बतायेंगे,
बोला होगा खूबसूरत बहुत ने तुम्हें लेकिन हम तुम्हें महसूस कर वायेंगे
वैसे तो लफ्ज कम पड जायेंगे तुम्हारे लिए लेकिन ऊपरवाले से हम थोडे लफ्ज और माँग लायेंगें
- AVNISH JOSHI

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15 AUG 2021 AT 17:45

फौजी होना कहा आसान हैं..
जब तुम सो रहे होंगे चैन की नींद,मैं सुबह जल्दी उठ जाऊंगा
तुम सब खुश रहना अपने परिवार के साथ, मेरे लिए पूरा देश ही परिवार बन जायेगा
तुम मनाना सारे त्योहार खुशी खुशी से, मैं शायद ही कोई त्योहार तुम्हारे साथ मना पाऊंगा
तैयार रहना हमेशा किसी बुरी खबर के लिए, क्या पता कब मैं ताबूत में तुम्हारे पास आ जाउंगा
तुम बनना भीड का हिस्सा ,मेरे जनाजे में तो पूरा शहर मेरे साथ आयेगा

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11 JUN 2021 AT 22:25

मुझे लगा बहुत वक्त हैं, लेकिन वक्त कभी था ही नहीं
मुझे घुमना भी था, मुझे थमना भी था
मुझे गिरना भी था, मुझे उठना भी था
मुझे लडना भी था, मुझे प्यार भी करना था
मुझे रोना भी था ,मुझे हँसना भी था।
मुझे लगा बहुत वक्त हैं, लेकिन वक्त कभी था ही नहीं
मुझे हवा के तरह बेफिक्र उडना भी था
पहाड़ो में चढ के चिल्लाना भी था
बारिश में खुद को भीगाना भी था
नदियों की तरह बस बह जाना था
मुझे लगा बहुत वक्त हैं, लेकिन वक्त कभी था ही नहीं
माँ-बाप को गले भी लगाना था
भाई-बहनों को प्यार भी जताना भी था
दोस्तों के साथ घूमना भी था
किसी का हाथ पकड़ के उम्र भर चलना भी था
मुझे लगा बहुत वक्त हैं ,लेकिन वक्त कभी था ही नहीं ।

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21 MAY 2021 AT 18:12

क्यूँ मर्द का चरित्र ऐसा बना दिया जाता हैं ?

मर्द को दर्द नहीं होता ऐसा क्यूँ कहा जाता हैं,अरे दर्द किसी का Gender थोड़ी देख के आता हैं।
कहों उसे असली मर्द आँसू नहीं छिपाता हैं,जो खोल के रो दे वो भी मर्द कहलाता हैं
अंधेरे में सोने से वो भी डर जाता हैं,क्यूँकि डर में गला उसका भी सूख जाता हैं
सुनसान रास्ते में अकेले जाने से वो घबरा जाताहै,क्यूँकि गलत तरीके से उसे भी छुआ जाता हैं
जो कभी कभी डरे वो भी मर्द कहलाता हैं
उसकी कमाई से उसको Judge किया जाता हैं,कोई पूछे तो किस परेशानियों में वो कमाया जाता हैं
उसको आसानी से पत्थर दिल कहा जाता हैं,वो बेचारा तो अपने घरवालों को गले लगाने में भी शरमा जाता हैं
जो कभी कभी Emotional हो जाये वो भी मर्द कहलाता हैं ।

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18 MAY 2021 AT 11:46

हाँ बड़ा हो गया हूँ अब मैं,
हर बात माँ से छुपाने लगा हूँ मैं
बताऊ भी कैसे अब मैं,
दुनिया को समझने में गलतियां करने लगा हूँ मैं
पहले रो देता था उसकी गोद में मैं,
अब उसके सामने रोने से डरना लगा हूँ मैं
पहले उसक गले में लिपटा रहता था मैं,
अब गले लगाने को भी सोचने लगा हूँ मैं
क्योंकि अब बड़ा हो गया हूँ मैं।
-Avnish joshi

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8 JAN 2021 AT 22:31

तुम्हारी इस हँसी को क्या कहूँ मैं,
चश्मे के अंदर इन आँखों का अंदाज क्या कहूँ मैं
दिन भर की मेहनत के बाद रात को तुम्हें परेशान करू मैं
तेरी चेहरे की हँसी के लिये क्यूँ ना इतना काम करू मैं
तुम खामोश रहो और आँखों से तुम्हारी खामोशी पढूँ मै
चलो तुम्हें खुद से ज्यादा प्यार करू मैं।

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28 DEC 2020 AT 21:44

तुम तो चले जाओगी मुझे छोडकर लेकिन मुझसे ,तुम कैसे जाओगे ये बता के जरूर जाना।
अवनीश जोशी

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15 JUN 2020 AT 10:10

जिंदा रहने के लिए साँसे नही
जिदांदिली जरूरी है।

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16 APR 2020 AT 21:37

बुरा लगता है ना ,
कोई अपना बना कर पराया कर जाये
अंधेरे रास्ते में तुम्हें अकेला छोड़ जाये,
जिंदगी भर साथ रहने का वादा करके ,
बीच में ही हाथ छोड़ जाये,
अपनापन जता कर अंदर खामोशी छोड़ जाये ।

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