Avizhek Dube   (Abhi)
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मै कोई शायर नहीं , बल्कि उस राह पर हूं
मेरी मंजिल शायर नहीं अपितु उस चाह पर हूं
Joined 29 December 2019


मै कोई शायर नहीं , बल्कि उस राह पर हूं
मेरी मंजिल शायर नहीं अपितु उस चाह पर हूं
Joined 29 December 2019
2 AUG 2022 AT 17:19

Education

Without education we can't find our desire,
We get educated, manage ourselves and never retire.
We should promote education life to life,
Otherwise people can become dangerous as knife.
Always remember not even be an unlettered person,
Either creator, informer or man of instruction.
In the absence of education we are a beast,
So, cultivate new ideas and get confused least.

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6 MAR 2022 AT 14:00

प्यार, इश्क़......प्रेम,,नाम ही जब
अधूरे अक्षरों से बने हैं ,तो
पूरे ये.......क्या ख़्वाब में होंगे ??

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6 FEB 2022 AT 13:52

तेरा ज़िक्र मेरे कानों में अक्सर,तब हो जाया करती है,
जब मेरे दिमाग को सौरभ सुमन की ज़रूरत होती है ।
तू स्वर की कोकिला,भले ही आज़ हमें छोड़ गईं,
पर तेरी कीर्तिमान यादें साथ हमारे हमेशा रह गई ।
" इन्हीं लोगों ने,तेरे बिना जिंदगी में कोई, जिया जले ",
जैसे कई गीत जो हमें लगते हैं, और लगते रहेंगे भले ।
✍️

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8 DEC 2021 AT 20:27

चाहे हों PVSM,UYSM हों AVSM या SM
थे जिनके लिए ये सारे पद कम
हुए धन्य हम भारत वासी,हुआ इस
भूमि पर जिनका जन्म
थी जिनकी वतन पर मर मिटने की चाहत
आज छोड़ चले गए, हमें जनरल बिपिन रावत
है इन्हें दिल से श्रद्धांजलि हमारी
भारत ही नहीं, पूजे इनको दुनियां सारी

Abhi

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7 DEC 2021 AT 0:31

ऐ नौ-बहार-ए-नाज़,...........सुन
चाहे जिन्ना मर्ज़ी बिज़ी कर लूं खुदको मैं
याद आते ही,मैं और मेरे काम,तुम बन जाते हो

Abhi

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4 DEC 2021 AT 17:09

एक ख़्वाब , ख़्वाब में तुम,
नजरों की बांध,
क़रीब आने की तलब,
ख़ामोशी चरम पर
बस..बस..दिलों की दीवारों में शोर !!

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20 SEP 2021 AT 4:19

तेरी मुहब्बत, की सर्दी मुझे लग गई है रे!

आ मुझपर रजाई डाल दे ,या ख़ुद आकर लिपट जा

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18 SEP 2021 AT 8:40

सच है शिक्षक का कोई दायरा.... नहीं होता
जमाने से रूबरू होकर,इसी जमाने को सिखा रहा होता
इन्हीं शिक्षक का करूं मैं ........स्वागत
क्योंकि इसी में है शिक्षण संस्थान को राहत

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15 SEP 2021 AT 8:35

ये ज़िंदगी की राहें,वक्त की बेड़ियों में जो फंसी है न
इसे मत सुलझाओ मेरे दोस्त,जिस दिन तू अपनी
मंजिल पर झंडे गाड़ेगा ,ये वक्त तेरा गुलाम होगा
तू अभी बस खुदको खींचता रह,घिसता रह ,संवारता रह

✍️✍️

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18 AUG 2021 AT 0:44

मेरे विचार, मेरी लेखनी को समर्पित___✍️
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मेरी सांसें जब तक रहेंगी ,ये तमन्ना है मुझसे
के मैं ,अब ख़ुद से बेहतर पल पल बनता रहूंगा
अभिषेक, अब बेहतर अभिषेक बनता रहेगा

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