हिचकियाँ, सिसकियाँ और कराहती बोलियाँ,
Ladkhadaati जुबान से बुदबुदाती तेरी गालियां ..
धीमी तेज हो रही अब धमनियों की चाल तेरी,
Kah तो रुक जाऊँ या फिर सैर करा du आसमान की..-
रूठे को मनाने की तो कला होती है,
और कला अच्छी, अक्सर, कलाकार के पास ही होती है।
जो असल मर्द है किसी औरत को जिंदगी में,
तो वो औरत सिर्फ अपने खयालों में ही नाराज होती है ।
रूठने मनाने का, तो तब, सिर्फ एक खेल होता है,
जितना लंबा चले, मजा उतना ही तेज होता है ।
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उलझन से भरी जिंदगी
और उलझी उलझी ये रात ।
जो सौगात तुम्हारे संग का होता,
तो सुलझ जाते मेरे दिन रात ।।-
ओह!!! इस पर लिखना तो बनता है
बारिश की कुछ बूंदे, क्या कमाल कर जाती हैं!
बारिश की कुछ बूंदें, क्या कमाल कर जाती हैं !!
इश्क के मरीजों का कैसा बुरा हाल कर जाती हैं ।
ग्लूकोज और दवाइयों पर चल रही थी जिंदगी,
अब दिल को धड़कनों और सांसों का भी, इलाज मांग रही जिंदगी ।।-
हुस्न छलकता, इश्क पसीजता,
बूंद बूंद कर जिस्म तेरा पिघलता ।
पैरों को बस, छू भर लेने की चाहत में ,
दिल मेरा अब बस , उफनता और उछलता ।।-
क्यूं ? क्यूं ? क्यूं ? दिल लगा रखा है,
चाहत थी नही कभी, फिर भी आसरा लगा रखा है।
उड़ने की फितरत लिए, बधने की ख्वाइश करते हैं,
आसरा देने वाले थे, अब बे आसरा से रहते हैं ।-
जज़्बात हैं तो हर एक के पास,
कुछ प्यास तो कुछ भड़ास ।
मर मिटने की बात करते हुए,
मोहतरमा रखती हैं जज़्बात, सिर्फ टाइमपास ।।-
जज़्बातों से भरा समंदर, चुनौतियों का आसमान,
हौसलों की नाव में बैठ, विश्वास का चप्पू तू थाम ।
कुछ देर यूं ही भटक तो जरा ,कुछ देर हो ले परेशान,
मंजिल अगल बगल ही है , बस जी भर के, मार तू एक उड़ान ।।-
मिलना और बिछुड़ाना तो अब बस एक रिवाज है,
कोई दिल चुरा कर मिलता है,
तो कोई हाथ छुड़ा कर बिछुड़ता है ।
दिल की गहराईयों में उतर कर,
कोई तो खंगाले हमें भी,
हर एक कोने में कहानी है मिलने बिछुड़ने की।
हिसाब किताब का बही खाता है वहां कहीं पर,
किसने कितना लूटा , कैसे लूटा , सब है वहीं पर,
जो पढ़ समझ आ जाए इस दुनिया का रिवाज,
कुछ देर ठहर जाना वहीं, मेरे हमनवाज ।।-