हालांकि हर रोज तू उसे नए तरकीब से भुलाएगा पर हर रोज वो तेरी आंखो में आंसू बनकर याद आएगा भले ही ज़माने से तू प्यार अपना खूब छुपाएगा पर बनकर अहसास तेरी बातों में वो जरूर झलक जाएगा
न करते विनती हम तेरी न तुझपे है जोर कोई तेरी मरजी तू ही जाने मैं ही हूं या और कोई तेरे दिल में है यदि कोई तो हो मुबारक आज तुम्हे तुमको मिला हो गर कोई तो हमको मिलेगा और कोई
मुझे गुस्से में जब भी वो नजरअंदाज करते हैं न जाने क्यों मेरे दिल के हंसी ज्ज्बात करते हैं मुझे मालूम है बेशक मोहब्बत है उसे भी पर न जाने क्यों वो चाहत को नज़र अंदाज़ करते हैं