कुछ हाल तुम्हारा सुनना है कुछ बात तुम्हें बतलानी है
आंखों की कोरों से ढलते हर आंसु की कोई कहानी है ।
अब याद तुम्हारी सीने में कुछ दबी दबी सी रहती है
अब भी तुमसे मिलने में कुछ तो आनाकानी है ।
मेरे ख्वाब की हर सूरत तुम से मिलती जुलती है
तुम उसको कोई गैर है समझो यह तो बड़ी नादानी है।
रोक रखे हैं दिल के आंसू हम पर बोझ बहुत ही भारी है
तेरे दिल की हर इच्छा को हमने तकदीर ही मानी है।
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