नव- परिवेश
रक्षिता-हर्षवर्धन का है,मिलन अनुपम
जीवन मे मिलता रहे, सदैव सर्वोत्तम
आ गई आज शुभ घड़ी सुहानी
नाज़ों से पली रानी- रजनेश की,बिटिया दुलारी
दादा-दादी,चाचा-चाची ने, बनाया निराली
निश्चय की हो तुम पक्की,पापा की मुनिया
स्वजनों का आशीर्वाद,बसा लो अपनी दुनियाँ
व्यक्तित्व तुम्हारा रहा है, सदैव विशेष
बनी रहे जीवन में, कीर्ति तुम्हारी अशेष
मिलेगा तुम्हे अब,नव-परिवेश
मिलकर बढ़ाओ कदम, है यही संदेश
स्नेहिल स्वजन
भोपाल 5-6-2025-
LOVE
The moment you try to define love,
You fail to experience IT
The moment you experience love,
You fail to define IT-
The greatest gift of life is
To be in LOVE
Love is life unto itself-
बेबाकी से तोड़ दिया नाता,वज़ह नहीं बताई
आज तक वो मंज़र पैबस्त है ज़ेहन में
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परिभाषा
परिभाषा की परिभाषा करना है आसान
होता है परिभाषा का अपना एक दायरा
दायरा विहीन "प्यार" को परिभाषित करूँ कैसे
और लो
प्यार भी हो गया परिभाषित
"दायरा विहीन'-
I love you too
I too love you
The difference is obvious
The wrong is previous
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प्यार 1 पंक्ति में
"परिभाषा प्यार का अंत है"
इस लिए
प्यार को करो महसूस और जी भर जियो
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सीखने को बहुत कुछ है
सब कुछ सीख लिया का गुरुर,
बना देगा कूप मंडूक
हर पल आता है लेकर नई सीख
बना रहे सीखने का जज़्बा-