उदासी लौट आती है
कभी कभी बहुत सारे सुख के साथ-
Avinash Kumar chanchal
(Avinash Chanchal)
573 Followers · 3 Following
In between forgetting and remembering
Joined 9 February 2018
31 JAN 2022 AT 7:23
मेरे घर के नीचे एक किराना दुकान है! अकसर मैं अगर कहीं दूसरे दुकान से कुछ लेकर लौट रहा होता हूँ तो उससे नज़रें नहीं मिला पाता!
(अधूरी डायरी)-
16 AUG 2020 AT 13:54
सरकारी क्वॉर्टर की दुपहरी कितनी सूनी होती है!
देखा है कभी ?-
11 MAR 2020 AT 12:28
ग़म की साइकल पर सवार
रात अंधेरे से सहर के उजाले का सफ़र तय करता हूँ!-
14 FEB 2019 AT 11:14
लड़का प्यार में नहीं था
लेकिन
बहुत सारे प्यार का बोझ लिए चल रहा था
वो चाहता था
एक दिन
वो अपने बोझ को उतार फेंके
वो अब बस चाह भर सकता था-
11 JAN 2022 AT 15:27
आज एक आदमी से मिला. उनका परिचय देते हुए उनके दोस्त ने बताया ये ब्लू टिक हैं.
अचानक उस आदमी के चेहरे पर मुझे एक बड़ा सा नीला टिक दिखने लगा.
(अधूरी डायरी दिन 2)-