हिसाब बराबर रहा , चलो कुछ गम नहीं ....
हमारे पास तुम नहीं तुम्हारे पास हम नहीं....-
तुम्हारी महफ़िल में सब बेखबर थे मुझसे
खाटु वाले
तेरी एक नज़र ने मुझे मशहूर कर दिया...
।। जय श्री श्याम ।।-
ओ मेरे लखदातार आजा
होके लीला पर सवार
मुझे दे दे अपना साथ
ना माँगू मैं यह संसार
।।जय श्री श्याम ।।-
तेरे दर्शन से दिलकश नज़ारा और क्या होगा
के तुम मेरे सहारे हो सहारा और क्या होगा ।।
बोल हारे के सहारे की जय-
यूं तो अकेला भी अक्सर
गिर के संभल सकता हूँ मैं,
लेकिन श्याम बाबा
तुम जो पकड़ लो हाथ मेरा
दुनिया बदल सकता हूँ मैं....-
बहुत सरल लगता है मुझको
कोई कठिन ये कार्य नहीं है
तुम्हारे प्रति मेरे प्रेम में
तुम्हारी उपस्तिथि अनिवार्य नहीं है-
किसी ने मुझसे पुछा क्या है तेरी जिन्दगी का खज़ाना,
मुझे याद आया तेरा वो हल्के से मुस्कुराना ।।-
मेरे पास भी घर थे लेकिन
फुटपाथ पर सोया था मैं
जब तुम्हारे शहर से लौटा
तो बहुत रोया था मैं-
किताब तो मैं भी उस पर
लिख सकता हूँ मगर,,
कमबख्त कलम भी
"बेवफा"
से आगे चलती नहीं मेरी..-