तू गया तो तुझ जैसा कोइ मिला नहीं,
इस बात का हमको अब कोई गिला नहीं ॥
हर जानिब तेरी इक खुश्बू सी रह गई,
लाख चमन मिले हमें, वो फूल ही मिला नहीं ॥
यूं ना हो मैं उसको यकसर भुला ही बैठूं,
मय पिला मुझे पर इतनी पिला नहीं ॥
तेरे हिज्र में अक्सर कुछ यूँ हुआ जानां,
हम मिले सभी से, दिल किसी से मिला नहीं ॥
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