आज !
ज़िंदगी उलझ रही है उलझ जाने दो,
सपने टुट रहे है टूट जाने दो,
अपने छूट रहे है छूट जाने दो,
तेरी हर उलझन मेरी होगी,
तेरे हर एक ख़्वाब को हकीकत में बदल कर दिखाऊंगा,
जरा ठहरो तो,
एक तुम पर आकर रुका हुआ हूं मैं,
कुछ सवालों से घिरा हुआ हूं मैं,
उन सवालों का जवाब हो जाने दो,
मुझसे मिलने का तुम्हारा भी दिल करता है ना?
मुझे याद करके तुम भी यूं ही मुस्कुराती हो ना?
दिल तुम्हारा भी मचलता है ना?
धीरे-धीरे मुझसे मोहब्बत हो रही है ना?
तो हो जाने दो।
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