Jab hum rishto ke liye samay nahi nikal pate
Tab samay hmare bich se rishte ko nikal deta hai-
जब जन मानस को झकझोरती है
कवि सशरीर रहे न रहे, उसकी
लेखनी कविता बन युगो... read more
खट्टी मीठी लड़ाई या थोड़ी सी शरारत हो
खुशी से बीते यह 6 महीने आपको मुबारक हो
चाहे वह हो फोटो शूट या कहीं का टूर
हम दोनों के रिश्ते में रहा प्यार भरपूर
काला खट्टा चुस्की हो या स्पेशल पान
याद करो जो भी खिलाएं हैं मैंने पकवान
सर में हो दर्द या गर्दन का मसाज
सारी यादें ताजा करो मुबारक हो आज
बीते हुए पल होते हैं बहुत ज्यादा प्यारे
पर हम दोनों को देख कर जलते हैं सारे
अभी तो बस 6 महीने हुए हैं और मंजिलें अभी है बाकी
सुख या दुख हो या हो कोई परेशानी हम दोनों एक दूसरे के है साथी
कभी ना छूटे हम दोनों का साथ
सदैव ही रहे एक दूजे के हाथों में हाथ
सात फेरों से बना ये बंधन जीवन भर यूं बंधा रहे
नजर ना लग जाए किसी की यह प्यार यूं ही बना रहे-
मुझको मालूम नहीं…हुस़्न की तारीफ
मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है जो तुम जैसा हो
अब हम समझे तेरे चेहरे पे तिल का मतलब
हुस्न की दौलत पे दरबान बिठा रखा है
तेरे हुस्न पर तारीफ भरी किताब लिख देता
बस सरकार लॉकडाउन उम्र भर कर देता-
तेरी आंखें हैं या जाम का प्याला
बिना पिलाये नशे में कर डाला
तेरी जुल्फें हैं या जंगल के घेरे
इन में गुम हो कर हम हो गए तेरे
तेरे होठ हैं या रस मलाई
इनको चख लो तो क्या है मिठाई
तुझसे मिलने की ही रहती है दिल में आस
बस तू आजा जल्दी से अब मेरे पास-
दिल की नगरी में अब सुबह और शाम
बस गूंजता है एक तेरा ही नाम
सोचता हूँ वो लफ्ज़ कहाँ से ढूँढ लाऊँ
जिनमें तेरी तारीफ में मैं कुछ फ़रमाऊँ
उफ तेरी अदाओं के वो जानलेवा कहर
क्या बताऊँ क्या दिलों-जान पर करता है असर
तेरे ही दीदार को तरसती हैं ये निगाहें
तुझको क्या खबर किस कदर तुझे हम चाहें-
प्यार भरे शब्दों से एक पैगाम लिखता हूँ
तड़प कर जिया हूँ बरसों तक
इस तड़प का एक एहसास लिखता हूँ
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ
हँसा था जो तूने मुझे देख प्यार से
उन जादू भरी नजरों का अंदाज लिखता हूँ
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ
नाम है तेरा अमृता सावन का कोई पैगाम है
बरसती हुई इन बूंदों में भीगा सा एक शाम है
जीवन का हर शाम आज तेरे नाम लिखता हूँ
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ
मेरी हर तमन्ना अधूरी थी तुझे पाने से पहले
इन तमन्नाओं को आज जीने का आधार लिखता हूँ
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ
सीने में धड़कते दिल को तेरा खत मिल गया
शायरो की भीड़ में एक शायर नया बन गया
आज इसी शायरी को तेरे नाम लिखता हूँ
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ
मैं कोई शायर नहीँ न तू मेरी कोई कल्पना है
तू हकीकत है तू इबारत है तू ही इस दिल की इबादत है
दिल से तेरी मोह्बत का कलमा बार बार पढता हूँ
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ
दुआओं की भीड़ है तेरे लिये बहुत सी
मगर मेरी भी एक दुआ छोटी सी कबूल कर लेना ऐ खुदा
उसको रखना सदा दिल के पास
कैसे कहूँ तुझे दिल से आज खुदा लिखता हूँ
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ
बस तेरा ही नाम लिखता हूँ-
तुझपे प्यार आये तो गजल लिखता हूँ
इश्क बेशुमार आये तो गजल लिखता हूँ
गुस्सा तो तुझे आता ही रहता है हमेशा कभी
तुझे भी करार आये तो गजल लिखता हूँ
अपने पास ही तुझे अहसास करता हूँ सदा
तुझे भी अहसास हो आये तो गजल लिखता हूँ
देखा है मैने इश्क का बरसात भी तुम्हारा
कभी उसमें भीग आऊ तो गजल लिखता हूँ
अपनी आँखो में लिए फिरते हो इश्क क समुन्दर
कभी उसमें डुब जाऊ तो गजल लिखता हूँ-
अजीब सी बेताबी है तेरे बिना,
रह भी लेते है और रहा भी नही जाता…..!!-
तुम से दिल की हर बात कहना अच्छा लगता है
इस बेगानी दुनिया में तू मुझे अपना लगता है
तुझ संग गुज़र रही है बहुत आराम से ज़िंदगी
तुझ बिन फूलों से भरा रास्ता खुदरा लगता है
तुम से दिल की हर बात कहना अच्छा लगता है
सादा दिल ही यहाँ होते हैं दाग-दाग
जिन्हें दूसरे का ग़म भी अपना लगता है
तुम से दिल की हर बात कहना अच्छा लगता है
कपड़ों की तरह रोज़ इरादे बदल देते हैं नादां
जैसे तस्वीर बदलने का इन्हें चसका लगता है
तुम से दिल की हर बात कहना अच्छा लगता है
वो कितना तन्हा है.. तुम क्या जानोगे कभी
वो जो एक शक्स हर किसी को अपना लगता है
तुम से दिल की हर बात कहना अच्छा लगता है
आँसू आँखों से बह जायें तो बेहतर है 'अवि'
जो बह नहीं पाते उन्हें सूखने में अरसा लगता है-