यूँ न पूँछा करो मुझसे हाल उनके
वक्त बदला ,बदल गये हैं ख्याल उनके ।-
मैं अविनाश पाल आपका स्वागत करता हूँ ।
मेरे बारे में अधिक जानने के लिये मेर... read more
सिर्फ मेरी माँ नें देखा है मेरी आखों में समंदर
जमाने की नज़र में मैं बहुत मजबूत लड़का हूँ।-
न इश्क,न मुहब्बत, न ही प्यार था
वो तो बस जिगरी यार (दोस्त) था ।
शायद उसकी कुछ मजबूरी हो गयी
इसीलिए हम दोनों में दूरी हो गयी।-
मेंहमान नवाजी में नवाजी थी उसने चाय मुझे
फिर किसी की याद आयी और चाय ठण्डी होती रही...-
वर्षों की दोस्ती में सहसा उसे क्या ख्याल आया !
लोग खड़े देख रहे थे हमें और उसने हाथ मिलाया।-
90 वर्ष जियूँगा मैं जब से बताया है नज़ूमी नें ,
मैं बस ये सोच रहा हूँ ये वक्त कटेगा कैसे ?-
किसी रोज सबके गिले - शिकवे मिटा जाऊँगा ,
जब अनायास किसी दिन मैं मर जाऊँगा ।-
बचपन में पीड़ा होती थी सारे जख्म जो तन पे थे ,
उससे पीड़ा कहीं अधिक अब,सारे जख्म जो हैं मन पे हैं।-
बचपन में पीड़ा होती थी सारे जख्म जो तन पे थे ,
उससे पीड़ा कहीं अधिक अब,सारे जख्म जो हैं मन पे हैं।-
बचपन में पीड़ा होती थी सारे जख्म जो तन पे थे ,
उससे पीड़ा कहीं अधिक अब,सारे जख्म जो हैं मन पे हैं।-