Avijit Rahul   (अविजित)
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Joined 19 May 2021


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Joined 19 May 2021
30 JUN 2023 AT 7:41

उसके साथ
कभी कभी खो भी जाना चाहिए,
ये देखने के लिए कौन खोजने आता है।

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23 MAY 2023 AT 6:59

मुक़द्दर को इस तरह आज़माना है मुझे,
एक टूटा जहाज़ दरिया में चलाना है मुझे।

पनाह माँगते फिर रहे हैं जिन आंधियों में सब,
उन्हीं आंधियों में एक चराग़ जलाना है मुझे।

मैंने हौंसलों से बनाई हैं ये कश्तियां अपनी,
ज़िंदगी के कई तूफ़ानों से टकराना है मुझे।

हर बार लौट आता हूँ हदों तक जा कर मैं,
सारी हदों से इस बार गुज़र जाना है मुझे।

चंद किताबों में नाम छपने से क्या होगा,
तारीख़ के पन्नों में नाम छपवाना है मुझे।

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13 FEB 2023 AT 8:05

हम घूम चुके बस्ती बन में
इक आस की फाँस लिए मन में
कोई साजन हो कोई प्यारा हो
कोई दीपक हो, कोई तारा हो
जब जीवन रात अँधेरी हो
इक बार कहो तुम मेरी हो

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13 FEB 2023 AT 8:03

बात करो रूठे यारों से,
सन्नाटे से डर जाते हैं।
प्यार अकेला जी सकता है,
दोस्त अकेले मर जाते हैं ।।

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24 OCT 2022 AT 23:01

🪔🪔 ll शुभ दीपावलीll 🪔🪔
*आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ "प्रकाश व प्रसन्नता के पर्व दीपावली पर बहुत बहुत मंगलकामनाएं। धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ महालक्ष्मी आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ।"*

*💐🪔।।शुभ दीपावली II 🪔💐**

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28 SEP 2022 AT 12:52

अगर आप किसी को स्नेह करते है तो उसकी हर एक गलती को माफ करने की हिम्मत भी आप में निश्चित ही होगी फिर सोचा इस स्नेह के उपरांत भी वो इस स्नेह पर प्रश्न चिन्ह इंगित करके आपसे कुछ बोले तो उस गलती को कभी भी माफ नही किया जाना चाहिए।

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28 SEP 2022 AT 12:47

कतरा कतरा मेरे हलक को तर करती है,
मेरे रग - रग में चाय सफर करती है। ☕❤️

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22 SEP 2022 AT 20:14

कुछ स्वप्न बस बुन लिए जाते हैं उनको पूरा कर पाना हमारे सामर्थ्य में नहीं होता, तुम वो स्वप्न हो मेरा.. जो मात्र एक स्वप्न भर ही रह जाने वाला है...!!!

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22 SEP 2022 AT 20:11

मैं एक यात्रा चाहता रहा जीवन भर, फिर तुम आईं तो अब चाहता हूं कि तुम संग एक यात्रा हो, हर छोटी से छोटी दूरी भी अनंत दूरी सा रोमांच दे, दो अजनबी से हम लौटे तो प्रेमी बनकर लौटे अन्यथा उस यात्रा का कोई अंत ही ना हो...!!!

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5 SEP 2022 AT 13:52

प्रणाम उस मानुष तन को, शिक्षा जिससे हमने पाया।
माता पिता के बाद हम पर, उनकी है प्रेम मधुर छाया ।।

नमन करता उन गुरुवर को, शिक्षा दे मुझे सफल बनाए।
अच्छे बुरे का फर्क बता, उन्नति की सफल राह दिखाए।।

शिक्षक, अध्यापक, गुरु जैसे, नाम अनेक मानुष तन के,
कभी भय, कभी प्यार जता, हमें जीवन की राह दिखाते।।

कभी भय, कभी फटकार कर, कुम्हार भांति रोज पकाते।
लगन और अथक मेहनत से शिक्षक हमें सर्वश्रेष्ठ बनाते।

शिक्षा बिना तो मानव जीवन, दुर्गम, पीड़ित और बेकार ।
गुरुवर ने हमें शिक्षा देकर, हम पर किया बहुत उपकार ।।

अपने शिष्य को सफल देख, प्रफुल्लित होता शिक्षक मन।
अपने गुणीजन गुरुवर को मैं, अर्पित करता श्रद्धा सुमन ।।

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